लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बुंदेलखंड में तगड़ा झटका लगा है. यहां महोबा, जालौन और हमीरपुर के कद्दावर कांग्रेसी नेताओं ने सपा का हाथ थाम लिया है. बुंदेलखंड के जिन नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी है, उनमें हमीरपुर के राठ से पूर्व MLA गयादीन अनुरागी, महोबा के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनोज तिवारी और जालौन-उरई से पूर्व MLA रहे विनोद चतुर्वेदी के नाम शामिल हैं.
एक ओर प्रियंका गांधी लखनऊ में टिककर उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की तैयारी कर रही हैं. वहीं, दूसरी ओर पुराने और दिग्गज कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़कर सपा का रुख करते नज़र आ रहे हैं. इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. हमीरपुर जिले से गयादीन अनुरागी शुरु से बसपा में रहे थे और फिर 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस से हमीरपुर जिले की राठ (सुरक्षित) विधान सभा से चुनाव लड़ा, इसमें वे 1 लाख वोट से जीतकर विधानसभा पहुंचे. हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी. वहीं, मनोज तिवारी के पिता बाबूलाल तिवारी महोबा सीट से कांग्रेस से पांच बार MLA बने. इस क्षेत्र में बाबूलाल तिवारी का बहुत बड़ा नाम था और कांग्रेस में भी उनका कद काफी ऊँचा था.
उनके बेटे मनोज तिवारी भी अभी पिता की विरासत को संभाले कांग्रेस में जमे हुए थे. मगर अचानक शुक्रवार को उन्होंने सपा एक दामन थामकर सभी को चौंका दिया. बुंदेलखंड के कांग्रेस के दिग्गज नेता विनोद चतुर्वेदी कांग्रेस छोड़कर सपा में चले गए हैं. चतुर्वेदी 3 बार कांग्रेस से जालौन के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं. वे पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे. हाल ही में उन्हें प्रियंका गांधी के सलाहकार समिति का सदस्य नियुक्त किया गया था. विनोद चतुर्वेदी 2007 में पहली दफा उरई विधानसभा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. हालांकि 2012 और 2017 में उन्हें माधौगढ़ सीट से शिकस्त का सामना करना पड़ा.
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