पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में नाबालिग बेटी के अपहरण की शिकायत दर्ज न करने को लेकर पीड़ित परिवार ने सदर कोतवाली थानाध्यक्ष पर आरोपियों को संरक्षण देने का इल्जाम लगाया है. इस आरोप के बाद लड़की के परिवार वाले कलेट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए. वहीं धरने की सूचना पर पहुंचे कोतवाल ने पीड़ित परिवार को थाने में ले जाकर पूछताछ आरंभ कर दी है. मामले में पुलिस अधीक्षक का ने कहा कि पीड़ित एक ही परिवार के दो सदस्य हैं, जिसने संपत्ति को लेकर अपने ही सगे भतीजे पर बेटी को किडनैप करने का आरोप लगाया है.
ये घटना थाना कोतवाली क्षेत्र के शकटू मल पाकड़ की है. पीड़ित परिवार का इल्जाम है कि उसके भतीजे शिवम व मोहित ने पहले भी उसकी बेटी का किडनैप कर लिया था, जिसके बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर लड़की को बरामद कर दिया था. इस घटना के बाद फिर उनकी बेटी गायब हो गई. परिवार ने कहा कि इसकी शिकायत थाना कोतवाली के थानाध्यक्ष श्रीकांत द्विवेदी से की गई थी, किन्तु कोतवाल ने आरोपियों को संरक्षण देते हुए उन्हें जेल नहीं भेजा और ना ही कोई एक्शन लिया.
वहीं, सदर कोतवाल श्रीकांत द्विवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित परिवार व उसके भतीजे मोहित पर पहले भी कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी. इन्होंने पहले झूठा केस दर्ज कराया था. उन्होंने इसे जमीन से सम्बंधित मामला बताया है. आरोपी मोहित ने मामले में अपनी सफाई दी है. आरोपी मोहित ने कहा कि उसके चाचा ने दादी के देहांत के बाद दूसरा विवाह कर लिया था. उसने कहा कि उसका चाचा झूठे आरोप लगा रहे हैं.
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