मिर्जापुर: कुछ दिन पहले खबर मिली थी कि एक वृद्ध 'साहब मैं जिंदा हूं, साहब मैं आदमी हूं भूत नहीं' का बोर्ड थामे, जिला कलेक्ट्रेट के बाहर बैठा हुआ है. वह बीते 15 वर्षों से खुद को जिंदा साबित करने में जुटा हुआ है. मामला सामने आते ही खुद मुख्यमंत्री योगी ने संज्ञान लिया था और अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे. सीएम निर्देश के बाद मिर्जापुर के जिलाधिकारी ने मामले की जांच कराई. जांच में वृद्धि को उनके द्वारा बताए गए एड्रेस पर अमोई गांव ले जाया गया. किन्तु वह जिन रिश्तेदारों के बारे में बता रहे थे, वही रिश्तेदार उन्हें नहीं पहचान सके.
जानकारी के अनुसार, खुद को भोला बताने वाले इस शख्स की शिनाख्त श्याम नारायण के रूप में हुई है. अब प्रशासन तथ्यों को स्पष्ट करने के लिए श्याम नारायण की DNA जांच कराने जा रहा है. बुजुर्ग ने बताया था कि वह बीते 15 सालों से खुद को जिंदा साबित करने के लिए जद्दोजहद कर रहा है. उसने बताया कि जमीन के लिए परिवार वालों से मिलकर राजस्व निरीक्षक और लेखपाल ने खतौनी में उसे मरा हुआ घोषित कर दिया है. दस्तावेज़ पर उसे मरा हुआ दिखा कर जमीन परिवार वालों के नाम कर दी गई है. डीएम ऑफिस के सामने खुद को जिंदा होने का प्रमाण देने के लिए बैनर लेकर बुजुर्ग एक बार फिर इंसाफ की आशा में बैठकर प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा था.
मामला सदर तहसील के अमोई गांव के रहने वाले 56 वर्षीय भोला सिंह का है. वह जिलाधिकारी कार्यालय के सामने हाथों में खुद के जिंदा रहने का बैनर लेकर बैठा. मामला मीडिया में आने के बाद जिला प्रशासन में अफरा-तफ़री मच गई है. बुजुर्ग भोला सिंह का कहना है कि उन्हें राजस्व निरीक्षक और लेखपाल ने मरा हुआ बताकर उनके हिस्से की भूमि भाई राज नारायण के नाम कर दी गई है. बार-बार शासन-प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
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