लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की दो सीटों के लिए 11 अगस्त को वोट डाले जाने हैं। भाजपा ने इस चुनाव में धर्मेंद्र सिंह सैंथवार और निर्मला पासवान को टिकट दिया है। जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने आदिवासी समुदाय से आने वाली युवा नेता कीर्ति कोल को प्रत्याशी बनाया है। कीर्ति कोल ने 1 अगस्त को नामांकन दाखिल किया था, मगर निर्वाचन आयोग ने उनका नामांकन निरस्त कर दिया है। कीर्ति कोल का नामांकन रद्द होने की वजह से भाजपा उम्मीदवारों का निर्विरोध चुनाव जीतना पक्का माना जा रहा है।
बता दें कि विधान परिषद चुनाव (MLC election) लड़ने के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए, मगर कीर्ति कोल ने अपने नामांकन में 28 वर्ष उम्र दर्शाई थी। उम्र कम होने के चलते सपा प्रत्याशी कीर्ति पटेल का नामांकन निरस्त हो गया। कीर्ति कोल ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया था। कीर्ति कोल समाजवादी पार्टी (सपा) महिला सभा के राष्ट्रीय सचिव भी है। बता दें कि कीर्ति कोल मिर्जापुर जिले से आती हैं और वह पूर्व MLA भाई लाल कोल की पुत्री हैं।
कीर्ति कोल ने 2022 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, मगर उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा था। कीर्ति कोल ने मिर्जापुर जिले की छानबे विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरी थीं। कीर्ति कोल आदिवासी समुदाय से आती हैं। अखिलेश यादव की पार्टी ने कीर्ति कोल को प्रत्याशी बनाकर यह संदेश देने का प्रयास किया था कि सपा आदिवासी विरोधी नहीं है।
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