लखनऊ: कानपुर हिंसा मामले के तार अब कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से भी जुड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि हाल में हिंसा आरोपितों की धरपकड़ में पुलिस ने इस संगठन के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनकी शिनाख्त सैफुल्ला, नसीम और उमर के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि ये तीनों, CAA विरोधी हिंसा के दौरान भी गिरफ्तार किए गए थे।
पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने गिरफ्तारियों पर जानकारी दी है कि कानपुर हिंसा केस में पुलिस ने PFI के 5 सदस्यों की शिनाख्त की थी। इनमें से 3 सदस्यों को अरेस्ट किया गया है। एक फरार है और एक बीमार है। पुलिस को संदेह है कि PFI के अन्य सदस्य भी शहर में मौजूद हो सकते हैं, जिसके मद्देनजर जाँच की जा रही है। बता दें कि हिंसा के इस मामले में अब तक 54 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। भाजपा के युवा विंग के नेता हर्षित श्रीवास्तव को भी पुलिस ने भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने पर गिरफ्तार किया है।
ताजा जानकारी के अनुसार, जाँच टीमें लगातार मौके पर जाकर सबूत एकत्रित कर रही हैं। आज भी पुलिस SIT सदस्यों ने और कानपुर एक{ त्रिपुरारी पांडे ने हिंसा वाले स्थान पर जाकर सफाई कर्मचारियों से बात की। घटना संबंधी सारे सबूत जुटाने की कोशिशें जारी हैं। मंगलवार को सुबह ताबड़तोड़ छापेमारी की गई थी। अभियान में कुल 11 आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़े थे। बुधवार को ACP पांडे ने बताया कि उन्हें सबूतों में पत्थर ईंट मिली। इलाके में फोटो ग्राफी और वीडियोग्राफी करके लोगों से पूछताछ की गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर हिंसा में निजाम कुरैशी का नाम भी उजागर हुआ है, उसके तार पूर्व में समाजवादी पार्टी (सपा) से जुड़े पाए गए हैं। और निज़ाम कुरैशी के नाम से चल रहे वॉट्सएप ग्रुप में हिंदुओं के प्रति घृणा देखने को मिली है। साझा स्क्रीनशॉट में हिंदू दुकानदारों से सामान लेने से मुस्लिमों को रोका जा रहा है। मैसेज में कुछ दुकानों के नाम लिखे गए हैं, जिनसे किसी भी सामान की खरीददारी करने से रोका जा रहा है। मैसेज के ऊपर ‘मुसलमानों के नाम संदेश’ स्पष्ट लिखा हुआ है। इसमें हिंदू दुकानदारों के नाम के साथ बताया गया है कि, 'जैसे इनको अपने सिर पर बैठाया है उसी तरह एकजुट होकर इन्हें सिरों से नीचे उतार भी सकते हैं।' जिस व्हाट्सएप ग्रुप में ये तमाम बातें हुई हैं, उस ग्रुप का नाम ‘टीम निजाम कुरैशी’ है।
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