बरेली: लिंग परिवर्तन के बाद पुरुष से महिला बनने के लिए के लिए कोशिश कर रहे राजेश को अखिरकार रेलवे ने महिला के रूप में स्वीकार लिया है। राजेश उर्फ सोनिया ने इसके लिए तीन वर्ष की लंबी जंग लड़ी है। मुख्य कारखाना प्रबंधक इज्जतनगर ने कार्मिक विभाग को पत्र भेजकर कहा है कि रेलवे बोर्ड का आखिरी आदेश आने तक राजेश पांडेय को महिला माना जाए।
इसी निर्देश के बाद राजेश उर्फ सोनिया के पास और मेडिकल कार्ड में लिंग बदलकर पुरुष से महिला लिख दिया गया है। राजेश पांडेय उर्फ सोनिया बरेली के इज्जतनगर रेल मंडल के मुख्य कारखाना प्रबंधक दफ्तर में तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर कार्यरत हैं। पिता और बड़े भाई की मौत के बाद उन्हें 19 मार्च 2003 को अनुकंपा पर नौकरी मिली थी। उनके परिवार में चार बहनें और मां हैं। वर्ष 2017 में पत्नी से तलाक लेकर राजेश ने अपना लिंग परिवर्तन करा लिया और इसके बाद उन्होंने अपना नाम भी सोनिया पांडेय रख लिया।
राजेश ने अधिकारियों से गुहार लगाई थी कि उसे रेलवे के रिकॉर्ड में महिला के तौर पर दर्ज कर दिया जाए। मामला जब जीएम के पास पहुंचा तो उन्होंने इसे बोर्ड को भेजा। आखिरकार रेलवे ने राजेश के पास और मेडिकल कार्ड पर लिंग बदलकर पुरुष से महिला कर दिया है। रेलवे चिकित्सालय के डॉ. सुबोध कुमार ने बताया है कि कृत्रिम लिंग परिवर्तन के बाद राजेश उर्फ सोनिया ने लिंग परिवर्तन के लिए रेलवे में आवेदन किया था।
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