लखनऊ: उत्तर प्रदेश की तहसीलों से जाति प्रमाण-पत्र अब अंग्रेजी भाषा में भी जारी होगा. इसकी वजह से गैर हिन्दी भाषी राज्यों में जरूरतमंदों को होने वाली परेशानियों से निजात मिल जाएगी. प्रमुख सचिव (समाज कल्याण) मनोज सिंह ने इसके लिए बाकायदा एक आदेश जारी कर दिया है.
आदेश में कहा गया है कि, 'सभी तहसीलों से अब राज्य या बाहर अन्य प्रदेशों की सेवाओं में जातिगत आरक्षण का फायदा पाने के लिए आवेदकों को हिंदी के साथ अंग्रेजी भाषा में भी जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जाएं. आवेदक द्वारा जाति प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन उस क्षेत्र के सक्षम अधिकारी के सामने पेश किया जाएगा, जहां उसका जन्म हुआ हो या जहां वह आवेदन करते वक़्त स्थायी तौर पर निवास कर रहा हो। इस बारे में सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है.'
प्रमुख सचिव (समाज कल्याण) मनोज सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि आवेदन के अलावा राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित शपथ भी देना होगा. इसमें अभ्यर्थी की जाति-उपजाति जनजातीय समुदाय के वर्ग या भाग निवास आदि से संबंधित ब्यौरा होगा. इसके आधार पर ही तहसील स्तर से सक्षम अधिकारी आवेदक से संबंधित जानकारी का स्थलीय सत्यापन करेंगे. रिपोर्ट के आधार पर हिंदी के साथ ही निर्धारित प्रोफार्मा पर अंग्रेजी में लिखा जाति प्रमाण-पत्र भी आवेदक के मांगने पर तहसील से जारी हो सकेगा.
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