चमोली: विश्व विख्यात भगवान बद्री विशाल (Badrinath) के कपाट आज वैदिक पूजा अर्चना के साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गये हैं, जो कि चारो धामों में मुख्य हैं. आज प्रात: ब्रह्म मुहुर्त में ठीक चार बजकर 15 मिनट पर भगवान श्री नारायण के पट इस साल नर पूजा के लिए खोल दिए गए हैं.
भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने से पूर्व मंदिर के मुख्य पुजारी रावल के साथ धर्माधिकारी व वेदपाठियों द्वारा द्वार पूजन के साथ ही गणेश पूजन किया गया, जिसके बाद राज दरबार टिहरी द्वारा तय तिथि और वक़्त पर आज ब्रह्म वेला में 4:15 पर भगवान बद्री विशाल के कपाट खोल दिए गए. इसके बाद तमाम लोगों ने जहां अंखड ज्योति के दर्शन किये, तो यहां भगवान उद्वव व कुबेर को भगवान श्री नारायण के साथ गर्भगृह में स्थापित किया गया. बता दें कि अब यहां ग्रीष्मकाल में छह महीने तक भगवान बद्री विशाल की पूजा नर रूप में यानी मुख्य पुजारी रावल द्वारा की जायेगी.
इस दौरान उत्तराखंड सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि भगवान विष्णु के आठवें बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट आज ब्रह्म मुहुर्त में 4.15 मिनट पर विधि-विधान और धार्मिक अनुष्ठान के बाद खोल दिए गए. जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है. मैं भगवान बदरी विशाल से प्रदेशवासियों की आरोग्यता के लिए प्रार्थना करता हूं. इसके साथ उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से अस्थायी तौर पर चार धाम यात्रा स्थगित है. मेरा सभी से आग्रह है कि भगवान के वर्चुअली दर्शन करें तथा अपने घरों में ही पूजा-अर्चना करें और धार्मिक परम्पराओं का निर्वहन करें. श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की आप सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं.
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