देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा हैं। अंकिता को न्याय दिलाने के लिए कोटद्वार में सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आईं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता झंडा चौक पर एकत्रित हुईं तथा तहसील परिसर तक मार्च किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार के जरिए सीएम को ज्ञापन भेजा है। इस ज्ञापन में ये मांग की गई है कि अंकिता हत्याकांड की तहकीकात फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो और जल्द से जल्द अपराधियों को फांसी की सजा दी जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ये भी कहा कि अभी तक गठित SIT की तरफ से अपराधियों को पुलिस कस्टडी में नहीं लिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने तहकीकात में शिथिलता का आरोप लगाया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी सीएम के आदेश के बिना रिजॉर्ट में अंकिता के कमरे पर बुलडोजर चलाए जाने पर भी सवाल उठाए। जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्र के नेताओं को लेकर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में आक्रोश था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं पर आरोप लगाया कि वे अंकिता को न्याय दिलाने का प्रयास नहीं कर रहे।
आंगनबाड़ी संगठन की जिलाध्यक्ष पूनम कैंथोला ने आक्रोश जताते हुए कहा कि 18 सितंबर को रिजॉर्ट में अंकिता के साथ जो अपराध हुआ, उसकी सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो। सरकार की अभी तक तहकीकात ही चल रही है। हमें जो जांच में शिथिलता नजर आ रही है, इससे आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि जब तक उत्तराखंड में उग्र आंदोलन नहीं होगा, तब तक शायद ही अंकिता को न्याय प्राप्त हो। आगे पूनम ने कहा कि अंकिता की मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है तथा हम पूरे उत्तराखंड में आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि राजनीति इतनी बड़ी हो गई है कि बेटी की जान से अधिक नेताओ को कुर्सी प्यारी हो गई है। यह सियासी लड़ाई नहीं है। यह बेटी के अस्तित्व की लड़ाई है।
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