उत्तराखंड: सुरंग में फंसे 34 लोगों को बचाने के लिए अब भी जारी है अभियान

उत्तराखंड: सुरंग में फंसे 34 लोगों को बचाने के लिए अब भी जारी है अभियान
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देहरादून: उत्तराखंड की बाढ़ त्रासदी से हुई हानि से अभी तक उबरा नहीं जा सका है। जलप्रलय के उपरांत मुख्य टनल मलबे से भर गई और तब ये सभी काम करने वाले मजदूर वहां फस गए,  वहीं  अब भी फसे हुए है। इन्हें सुरक्षित निकालने के मद्देनजर टनल से मलबा हटाने के लिए बचाव दल रविवार से दिन-रात एक कर दिए गए है। रविवार से ही कई कर्मचारी सुरंग में फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाना किसी बड़ी समस्या से कम नहीं है। यहां तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की टनल में फंसे 34 कार्मिकों को सुरक्षित निकालने के लिए रेसक्यू  अब भी चल रहा है।

जंहा इस बात का पता चला है कि ITBP , एसडीआरएफ, एनडीआरएफ समेत 10 एजेंसियों की 1000 से अधिक जवानों की फौज टनल के बाहर मौजूद है, मगर हालात कुछ ऐसे बने हुए है की टनल के सिंगल ट्रैक पर छोटी सिंगल मशीन से ही मलबा हटाने की विवशता है। मुख्य टनल की सिल्ट फ्लशिंग टनल (एसएफटी) में फंसे कार्मिकों व श्रमिकों तक पहुंचने के लिए मलबा हटाना ही एकमात्र रास्ता बचा हुआ है। एसएफटी तकरीबन 250 मीटर लंबी है। रविवार को टनल के मुख्य द्वार से 180 मीटर दूर टी-प्वाइंट से निर्माणाधीन एसएफटी में कार्य के लिए एक प्रोजेक्ट मैनेजर, दो सिविल इंजीनियर व 31 श्रमिक रविवार प्रातः वहां गए।

मिली जानकारी के अनुसार अभी तक मुख्य टनल से 150 मीटर तक मलबा हटाया जा रहा है। सिंगल ट्रै्रक होने से बड़ी मशीन को टनल के अंदर नहीं ले जाया जा सकता, जबकि मशीनें उपलब्ध है। मलबा हटाने का कार्य बेहद दुष्कर है, क्योंकि टनल के अंदर दलदल, पानी और अंधेरा है। मुख्य टनल पर जहां से एसएफटी के लिए टी-प्वाइंट है, वह थोड़ी ऊंचाई पर है। जिस स्थान से ड्रिल करने की बात है, वहां तक मशीन पहुंचाने को 400 मीटर रास्ता बनाना होगा। इसके अलावा समानांतर सुरंग बनाकर एसएफटी में फंसे कार्मिकों व श्रमिकों तक पहुंचने के विकल्प पर भी विचार हो रहा, मगर इसमें लंबा वक्त लग सकता है।

यह हैं मुख्य परेशानियां :

-मुख्य टनल के भीतर रेसक्यू के लिए सिंगल ट्रैक

-साढ़े छह मीटर व्यास की टनल के भीतर बड़ी मशीन ले जाना मुश्किल

-टनल के भीतर आक्सीजन लेबल बनाए रखने की चुनौती

-टनल में तारों का भी है जाल, जिन्हें कटर से बार-बार काटना पड़ रहा

-भारी मलबा होने के कारण इसे मैनुअली हटाना भी चुनौतीपूर्ण

-टनल में दूसरी तरफ से प्रवेश कर पाना बेहद मुश्किल

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