देहरादून: अभी बारिश का मौसम चल रहा है, और इस दौरान देश के कई राज्यों में बारिश की वजह से सुहाना मौसम बना हुआ है, तो कही भारी वर्षा के कारण कई राज्यों बेहद में नुकसान हुआ है. वही बात यदि उत्तराखंड की करे, तो उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में निरंतर हो रही वर्षा के पश्चात् नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. नदियां संकट के निशान पर पहुंच गई हैं. हरिद्वार, ऋषिकेश में गंगा तथा श्रीनगर में अलकनंदा खतरे के निशान पर पहुंच गई है. वहीं बागेश्वर में कई स्थान पुश्तों के ढहने से घरों में बेहद हानि भी हुई है.
वही तीर्थ नगरी ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर बेहद बढ़ गया है. मुनी की रेती इलाके के परमार्थ निकेतन आश्रम के ठीक सामने भगवान शिव की मूर्ति के प्लेटफार्म को भी पानी छू रहा है. श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जल स्तर संकट के निशान के समीप पहुंच गया है. बदरीनाथ राष्ट्रिय हाईवे के तोता घाटी में अवरुद्ध होने पर वैकल्पिक मार्ग के तौर पर उपयोग होने वाला देवप्रयाग-गजा मोटर मार्ग भी लसेर के समीप अवरुद्ध हो गया है.
साथ ही तहसीलदार बागेश्वर ने बताया कि वर्षा की वजह से शहर के गांव मुवानी में नंदन राम पुत्र मोहन राम के आवासीय मकान के पीछे अत्यधिक मात्रा में मलबा आ गया. मलबा तथा पत्थर आने से घर के पीछे बना शौचालय में भरी नुकसान हुआ है. कपकोट में खटगड़ा गधेरा उफान पर चल रहा है. बागेश्वर शहर तथा समीप की सड़कें मलबे से पहट गई हैं. वही दुरी तरफ धारचूला, जौलजीबी, बलुवाकोट से लेकर झूलाघाट तक काली नदी उफान पर है. कोरोना काल के दौर में इस प्रकार की स्थिति और अधिक खतरा उत्पन्न कर सकती है.
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