उत्तराखंड विधानसभा 2022: 60 पार वालों पर जीत का दारोमदार, यहां देंखे नाम

उत्तराखंड विधानसभा 2022: 60 पार वालों पर जीत का दारोमदार, यहां देंखे नाम
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देहरादून: उत्तराखंड की 5वीं विधानसभा के चुनावी समर में राज्य के कई दिग्गज सियासत के निर्णायक मोड पर खड़े दिखाई दे रहे हैं। इनमें पूर्व सीएम हरीश रावत हों या फिर मंत्रिमंडल मंत्री सतपाल महाराज। दिग्गजों में कुछ वो हैं, जो एक बार फिर समर में उतरने की तैयारी कर रहे हैं तथा कुछ ऐसे जो बाहर खड़े होकर 2002 के चुनावी समर में अपने सियासी भविष्य को लेकर उधेड़बुन में हैं। वही राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी युवा नेतृत्व अबकी बार साठ पार के नारे के साथ चुनाव में उतरी है। युवा चेहरे पर चुनाव लड़ने की बीजेपी की योजना को समझा जा सकता है कि उसकी निगाहें राज्य के युवा वोट बैंक पर भी है। मगर बीजेपी के युवा उत्तराखंड, युवा सीएम का नारे ने पार्टी के उम्रदराज नेताओं की नींद उड़ा रखी है। राजनीतिक विशेषज्ञों कहना है कि 2022 का चुनावी समर बीजेपी के कई दिग्गजों के राजनीतिक करियर के लिए निर्णायक होने जा रहे हैं।

वही इस चुनाव में 60 व इससे ऊपर की आयु के कई नेता टिकट की दौड़ में हैं। इनमें कई दिग्गज तो पार्टी में उम्र के मानकों को भी पार कर चुके हैं। मगर अपने चुनाव क्षेत्र में वे अनुभव तथा प्रभाव के हिसाब से दूसरे दावेदारों पर भारी हैं। उनका पुरजोर प्रकार हर स्थिति में टिकट हासिल करने का है। इनमे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल तथा गणेश जोशी 60 वर्ष को पार कर चुके हैं तथा चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। वही राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि युवा चेहरे पर दांव लगाकर बीजेपी ने संदेश साफ कर दिया है कि संगठन की जिम्मेदारी ज्यादा आयु के नेताओं के हाथों में होगी या नौजवान चेहरों के हाथों में। बहुत कुछ चुनाव नतीजों पर भी निर्भर करेगा। हालांकि पार्टी के एक सीनियर नेता का कहना है कि 21वीं सदी की बीजेपी का दारोमदार युवाओं के कंधे पर आने वाला है।

60 और 70 के बीच के प्रमुख नेता:-
बीजेपी के सबसे उम्रदराज नेता:-
हरभजन सिंह चीमा विधायक काशीपुर- 75 वर्ष
बंशीधर भगत कैबिनेट मंत्री - 71 वर्ष
बिशन सिंह चुफाल  कैबिनेट मंत्री - 71 वर्ष
विजय बहुगुणा पूर्व मुख्यमंत्री- 74 वर्ष
नवीन चंद्र दुम्का  विधायक लालकुंआ- 67 वर्ष
सतपाल महाराज कैबिनेट मंत्री - 71 वर्ष

डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद- 62 वर्ष
अजय भट्ट, केंद्रीय राज्यमंत्री व सांसद- 60 वर्ष
भगत सिंह कोश्यारी राज्य पाल महाराष्ट्र - 79 वर्ष
हरक सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री - 62 वर्ष
त्रिवेंद्र सिंह रावत पूर्व मुख्यमंत्री व विधायक -61 वर्ष
सुबोध उनियाल, कैबिनेट मंत्री - 61 वर्ष
गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री - 63 वर्ष
नरेश बंसल, सांसद - 66 वर्ष

बीजेपी के युवा सांसद व विधायक:-
पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री (46 वर्ष)
विनोद कंडारी, विधायक  (40 वर्ष)
प्रेम सिंह राणा विधायक   (47 वर्ष)
रेखा आर्य  कैबिनेट मंत्री  (43 वर्ष)
सौरभ बहुगुणा, विधायक   (43 वर्ष)
अजय टम्टा, सांसद  (49 वर्ष) 

वही विधानसभा चुनावी समर में इस बार कांग्रेस की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी बहुत हद तक 60 की आयु पार कर चुके नेताओं के कंधे पर है। जबकि चुनाव अभियान समिति की कमान स्वयं हरीश रावत संभाल रहे हैं, जो 78 साल की आयु में भी युवाओं चुनौती देते दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस में इस बार भी 40 से ज्यादा नेताओं ने दावेदारी पेश की है। आयु के इस पड़ाव में कइयों के लिए यह चुनाव आर-पार का होने जा रहा है। 

कांग्रेस पार्टी में होने वाले विधानसभा चुनाव में आधी से ज्यादा सीटों पर 60 प्लस दिग्गज चुनाव लड़ते नजर आ सकते हैं। मोटे-मोटे रूप में उम्रदराज नेताओं की बात करें तो गोविंद सिंह कुंजवाल (76), हरीश दुर्गापाल (80), नारायण राम आर्य (69), रंजीत रावत (62), यशपाल आर्य (69), सुरेंद्र सिंह नेगी (64), विजयपाल सजवाण (63), प्रो. जीतराम (60), मंत्री प्रसाद नैथानी (63), किशोर उपाध्याय (63), प्रीतम सिंह (63), नवप्रभात (65), प्रदीप टम्टा, सांसद (63), हीरा सिंह बिष्ट (78), दिनेश अग्रवाल (72), मातवर सिंह कंडारी (79), शूरवीर सिंह सजवाण (72), टीपीएस रावत (81) जैसे नेता इस बार चुनाव में ताल ठोकते दिखाई दे सकते हैं। इनके अतिरिक्त पार्टी में उम्रदराज नेताओं में ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, एसपी सिंह, मुरलीधर, रामयश सिंह, राम सिंह सैनी, जोत सिंह बिष्ट, राजकुमार, जोत सिंह गुनसोला, एसपी सिंह इंजीनियर, शैलेंद्र सिंह रावत, नरेंद्र राम आर्य, मदन सिंह बिष्ट, तिलक राज बेहड़, गोपाल सिंह राणा जैसे नाम भी सम्मिलित हैं, जो इस बार चुनाव मैदान में नजर आ सकते हैं। 

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