देहरादून: उत्तराखंड में चार माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश बढ़ती जा रही है. भाजपा से लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) की नजर इस बार युवा वोटर्स पर हैं. भाजपा ने 46 वर्षीय पुष्कर धामी को मुख्यमंत्री बनाकर युवाओं को जोड़ने की कवायद में तो केजरीवाल की आप बिहार में तेजस्वी यादव के तर्ज पर रोजगार को चुनावी मुद्दा बनाने में लगी हुई है. AAP युवाओं को साधने के लिए रोजगार गारंटी अभियान आरंभ किया है, जिसे घर-घर पहुंचाने की कोशिश जारी है.
बता दें कि उत्तराखंड में मौजूदा मतदाता सूची के हिसाब से कुल मतदाताओं की तादाद 78 लाख है. इनमें से 18 से लेकर 29 वर्ष के 17.79 लाख वोटर हैं, जो कुल मतदाता संख्या का 22 प्रतिशत हैं. तो वहीं 30 से 39 उम्र के वोटर्स की संख्या 21.81 लाख है जो कुल मतदाता का 28 फीसदी है. ऐसे में 18 से 39 उम्र के मतदाताओं को देखा जाए तो ये कुल वोटर्स का 50 फीसदी है, इसीलिए तमाम सियासी दलों की नजरें यूथ वोटर्स पर टिक गई हैं.
AAP अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड में 6 माह के एक लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया है और नौकरी न मिलने तक 5000 रुपऐ बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाएगा. केजरीवाल के इस रोजगार के मुद्दे को लेकर AAP के सीएम फेस सेवानिवृत्त कर्नल अजय कोठियाल उत्तराखंड की सभी विधानसभाओं में रोजगार गारंटी यात्रा निकाल रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर रोजगार गारंटी की जानकारी दे रहे हैं.
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