देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व सीएम एवं कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने एक बार फिर सीएम राग छेड़ा है। उनका कहना है कि उनकी जिंदगी की अब तक की सभी राजनीतिक पूंजी इस चुनाव में दांव पर लगी है। अगर लोग उन्हें इस बार अवसर देते है तो वह अगले 5 सालों में उन सभी योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम करेंगे, जो अधूरी रह गई थीं। सोमवार शाम घोषित की गई कांग्रेस की प्रत्याशियों की लिस्ट में हरीश रावत को रामनगर सीट पर उम्मीदवार बनाया गया है।
वही सोशल मीडिया पर लिखी एक इमोशनल पोस्ट में हरीश रावत का कहना है कि लोग अगर प्रेम व्यक्त करते है तो खफा होने पर उससे कई गुना अधिक क्रोध भी व्यक्त करती है। वह लोगों के इस गुस्से का सामना कर चुके हैं। हरीश रावत का कहना है कि साल 2014 में जब वह सीएम बने, डेढ़ वर्ष आपदा से जूझने में लग गए। जबरदस्त तौर पर क्षतिग्रस्त हुए प्रदेश के बहुत बड़े भाग को संवारने में संपूर्ण शक्ति लग गई। चारधाम यात्रा तथा अर्थव्यवस्था को सुचारू बनाने के पश्चात् उन्हें कुछ और देखने, समझने का मौका ही नहीं प्राप्त हुआ।
इसके साथ ही उन्होंने आगे लिखा कि इसी के चलते एक हवाई हादसे में उनकी गर्दन टूट गई। चोट से उभरने के पश्चात सोचा कि 2016 में कुछ करके दिखाएंगे, मगर केंद्र सरकार ने उनके ऊपर राजनीतिक आपदा थोप दी। लंबी न्यायिक लड़ाई तथा चार महीने विधानसभा में पारित बजट को तलाशने में लग गए। फिर से दूसरी बार बजट पारित करवाना पड़ा। एक साल में एक विधानसभा ने दो आम बजट पास किए। हरीश रावत रावत आगे लिखते हैं कि आज सभी सर्वेक्षणों में लोग उन्हें सीएम की पहली पसंद बता रहे हैं। मगर यदि लोग उन्हें इस बार सीएम बनाना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें पूर्ण बहुमत की सरकार देनी होगी। तभी वह विभिन्न योजनाओं को बेहतर तरीके से धरातल पर उतार पाएंगे।
पंजाब चुनाव के लिए नड्डा ने किया सीट बंटवारे का ऐलान, भाजपा-अमरिंदर में तय हुआ ये फार्मूला
'बालासाहेब पर राहुल गांधी से एक ट्वीट करवा कर दिखा दो..', शिवसेना को भाजपा की चुनौती
मुरलीधरन ने जगन रेड्डी सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया