देहरादून: बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने के लिए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन एक बार फिर उत्तराखंड इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन का दरवाजा खटखटाएगा. आयोग ने उनके आग्रह को मान लिया, तो राज्य में बिजली 2.56 प्रतिशत महंगी हो सकती है. निदेशक मंडल ने यूपीसीएल को अपील करने की मंजूरी दे दी है. तथा निगम का यह मानना है कि आयोग ने एक अप्रैल से लागू बिजली की दरों को निर्धारित करते वक़्त निगम के खर्चों का सही आकलन नहीं किया.
वही वर्ष 2018-19 व 2019-20 के कई ऐसे प्रशासनिक खर्च थे, जिन्हें छोड़ दिया गया है. इससे निगम को 180 करोड़ की वित्तीय हानि होने की आशंका है. इसकी भरपाई करने के लिए निगम ने दरों की बढ़ोतरी के लिए अपील करने का निर्णय किया है. निगम के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा के अनुसार, आयोग ने अपील मानी तो इससे निगम को बेहद राहत मिलेगी. वहीं, बोर्ड ने ऊर्जा निगम कर्मचारियों पर बिजली की संशोधित दरें एक जुलाई से लागू करने को मंजूरी दे दी है.
साथ ही बिजली खरीदने के एवज में किए जाने वाले पेमेंट के लिए यूपीसीएल की बैंक क्रेडिट सीमा को दोगुना कर दिया गया है. अभी तक लेटर ऑफ क्रेडिट 250 करोड़ रुपये थी. अब उसे बढ़ाकर अब 500 करोड़ कर दिया गया है. वही बोर्ड ने राज्य में 10 जीआईएस सब स्टेशन (गैस इंस्लेटर स्विच गेयर) स्थापित करने की अनुमति दे दी है. इससे बिजली की गुणवत्ता सुधेरगी. राज्य में अभी एक ही जीआईएस सब स्टेशन है. यह भराड़ीसैंण विधानसभा में लगा है. तथा इसके लिए 73.50 करोड़ का अनुदान सेंट्रल गवर्मेंट देगी.
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