नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट ने स्टोन क्रशरों के मानकों को पूरा नहीं किये जा रहे मुद्दे में दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात को साफ कर दिया है कि जब तक कोर्ट आदेश न दे तब तक नए स्टोन क्रशरों के लाइसेंस नहीं दिया जाना चाहिए. जंहा कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 19 मार्च की तिथि नियत की है.
मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट ने सरकार को ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल जिलों में ऐसी जगहों का चयन करने को कहा, जहां स्टोन क्रशर लगाए जा सकें. हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश के क्रम में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कोर्ट से कहा कि नए स्टोन क्रशरों के लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह भी पूछा कि वर्तमान में ऐसे कितने स्टोन क्रशर चल रहे हैं, जो मानकों को पूरा नहीं करते हैं. वरिष्ठ न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई.
जंहा यह भी कहा जा रहा है कि रुद्रपुर निवासी त्रिलोक चंद्र ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में लगभग 300 स्टोन क्रशर हैं. वहीं इनमें कई मानकों को पूरा नहीं करते हैं. जंहा याचिका में कहा गया कि अधिकतर स्टोन क्रशर आबादी वाले क्षेत्रों में हैं जबकि स्टोन क्रशरों को आबादी क्षेत्र से तीन किमी दूर होना चाहिए. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि याचिकाकर्ता का कहना था कि स्टोन क्रशर एक इंडस्ट्रीज है. इनको औद्योगिक क्षेत्र में ही स्थापित किया जाए.
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