आधुनिक युग में पूजा और भक्ति में भी तकनीक का अभिनव प्रयोग देखने को मिल रहा है | इसके अलावा लॉकडाउन के कारण यजमानों के घर मां का पाठ करने नहीं जा पा रहे पंडितों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मां के पाठ का समाधान खोज निकाला गया है। इसके साथ ही कई यजमानों को भी मौजूदा संकट में यह तरीका खूब पसंद आ रहा हैं। वहीं शांति विहार अजबपुर खुर्द निवासी आचार्य राघवेंद्र रतूड़ी ने कहा कि उनके हिमाचल, दिल्ली व ऋषिकेश में कई यजमान हैं। उन्होंने नवरात्र पर मां का सप्तशती का पाठ कराने को कहा, लेकिन कोरोना वायरस के कारण वह घर से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। इसके साथ ही लॉकडाउन के कोई भी पंडित किसी यजमान के घर पाठ नहीं कर पा रहे। वहीं ऐसे ने उन्होंने यजमान को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पाठ कराने का विकल्प दिया, जिसके बाद उन्होंने ऑनलाइन पाठ कराया। इसके साथ ही ऐसे ही कई पंडित भी इसी तरीके को अपना रहे हैं।
परिवार संग सुन रहे पाठ
लैपटॉप के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एक तरफ पंडित जी होते हैं तो दूसरी तरफ यजमान अपने परिवार संग होते हैं। लॉक डाउन के चलते यजमान अपने पूरे परिवार संग पाठ में शामिल हो रहे हैं।
संपन्न वर्गों को भा रहा विकल्प
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नवरात्र का पाठ कराने वाले लोगों में सभी संपन्न वर्ग के परिवार हैं। टेक्नोलॉजी के बारे में अधिक जानकारी होने के कारण इन्हें ऑनलाइन कनेक्टिविटी में ज्यादा दिक्कतें नहीं आ रही हैं। इसमें व्हाट्सएप, स्काइप व अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप्प की मदद ली जा रही।
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