देश दुनिया में कोरोना वायरस का खतरा जहां सिर चढ़कर बोल रहा है| वहीं देश के साथ ही विदेशों में हो रहे तमाम वैज्ञानिक शोध पूरी तरह ठप हो गए हैं। इसके साथ ही देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, भारतीय वन अनुसंधान संस्थान, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, बोटैनिकल सर्वे ऑफ इंडिया, व भारतीय वन सर्वेक्षण समेत दर्जनभर संस्थानों के जो वैज्ञानिक देश के साथ ही विदेशों में वैज्ञानिक शोध करने गए थे। वहीं वह सभी देहरादून लौट आए हैं।
वहीं इतना ही नहीं कोरोना वायरस से खौफजदा इन तमाम वैज्ञानिकों ने फिलहाल वैज्ञानिक शोधों का काम पूरी तरह रोक दिया है। इसके साथ ही इन तमाम वैज्ञानिकों के निवेशकों की ओर से सख्त हिदायत दी गई है कि वे घरों में ही रहे और लॉक डाउन के कानूनों का पालन करें। वहीं भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक डॉ. धनंजय मोहन ने बताया कि संस्थान के जो भी वैज्ञानिक वन्यजीवों पर शोध कर रहे थे। इसके साथ ही वे तमाम वैज्ञानिक फिलहाल संस्थान लौट आए हैं और उन्होंने अपने को घरों में ही क्वारंटीन कर लिया है। ऐसे में तमाम वैज्ञानिक शोध ठप हो हैं। फ़िलहाल कुछ वैज्ञानिक घरों में रहकर ही कंप्यूटर के जरिए शोध कर रहे हैं।
वहीं वन अनुसंधान संस्थान के निदेशक अरुण सिंह रावत ने बताया कि फिलहाल तमाम तरह के शोध पर रोक लग गई है। इसके साथ ही देश के देश के विभिन्न इलाकों में गए वैज्ञानिक शोध को बीच में ही छोड़कर संस्थान लौट आए हैं। इसके साथ ही जैसे ही स्थितियां सामान्य होगी।फिर उसके बाद आगे कोई निर्णय लिया जा सकता है । इसके अलावा वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ कालाचंद साईं ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते फिर हाल फील्ड में किए जाने वाले तमाम शोध रुक गए हैं। वहीं वैज्ञानिक अपने अपने घरों पर रहकर ही रिसर्च पेपर तैयार कर रहे हैं। वहीं जैसे ही कोरोना वायरस को लेकर कुछ स्थितियां सामान्य होगी तो आगे कोई निर्णय लिया जाए। कमोवेश यही बात अन्य वैज्ञानिक संस्थानों के अधिकारियों ने बताई।
42 मरीजों ने कोरोना से जीती जंग, अब इस स्थान पर बिताएंगे जिंदगी
दुनियाभर में कोरोना से 21 हज़ार लोगों की मौत, यहाँ देखें हर देश का हाल
लॉकडाउन के दौरान डॉक्टरों और पत्रकारों से हुए दुर्व्यवहार पर गरजे प्रकाश जावड़ेकर