देहरादून: उत्तराखंड में बेसिक के 2287 पोस्ट पर चल रही अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर कानूनी दांव पेंच उलझ सकती है। केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के सर्टिफिकेट को गलत सूचना के आधार पाने एवं इसके आधार पर शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन का आरोप लगाते हुए हरिद्वार की एक अभ्यर्थी ने इन आवेदनों को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
वही राज्य में बेसिक के अध्यापकों के पदों पर भर्ती का मामला पूर्व में भी कानूनी दांव पेंच में उलझा रहा है। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) से डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन) करने वाले तथा डायट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों) से डीएलएड करने वालों के बीच शिक्षक भर्ती का मामला बहुत वक़्त तक उलझा रहा। मामले के उच्च न्यायालय पहुंचने पर उच्च न्यायालय ने पूर्व में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर पाबंदी लगा दी थी।
वही निओस से डीएलएड करने वालों का कहना था कि उन्हें एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षक परिषद) ने मान्यता दी है। जबकि डायट से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे थे, उनका कहना था कि NIOS से डीएलएड करने वालों को शिक्षक भर्ती से बाहर किया जाए। राज्य सरकार की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया आरम्भ करने की याचिका के पश्चात् उच्च न्यायालय ने इसी साल सितंबर में अध्यापकों की भर्ती से रोक हटा दी थी। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में बताया कि अध्यापकों की भर्ती उसके आखिरी निर्णय के अधीन रहेगी। भर्ती से रोक हटने के पश्चात् विभाग की तरफ से राज्य भर में इन दिनों बैकलॉग के 361 पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया आखिरी चरण में हैं।
अब हिंदी में बनेगा योहानी का ब्लॉकबस्टर गाना ‘Manike Mage Hithe’, इस बड़ी फिल्म का होगा हिस्सा
वर्चुअल मीटिंग करेंगे अमेरिका, यूएई, भारत और इस्राइल के विदेश मंत्री
सुशांत सिंह के निधन के बाद रिया चक्रवर्ती में हुआ बदलाव, शेयर की ये जबरदस्त पोस्ट