हाल ही में अपराध का जो मामला सामने आया है वह उत्तराखंड के रुद्रपुर का है। इस मामले में सात साल पहले हुई लूटपाट और हत्या के मामले में प्रथम अपर जिला जज संजीव कुमार ने चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। खबर मिली है कि सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोरा ने कोर्ट में 14 गवाह पेश किए गए और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोरा ने बताया कि 'करौली सितारगंज निवासी बख्तावर सिंह के घर में पूरनपुर पीलीभीत निवासी कन्हैया अपनी पत्नी और साली के साथ किराए पर रहता था। कन्हैया की पत्नी और साली बख्तावर के घर का काम करते थे। एक अप्रैल 2013 को बख्तावर सिंह अपनी पत्नी के साथ बिलासपुर ससुराल गया था और घर में बच्चे थे।'
वहीं आगे उन्होंने यह भी कहा कि, 'इसी बीच कन्हैया अपने तीन दोस्तों पूरनपुर पीलीभीत निवासी अनिल कुमार, टिंकू और गोरखपुर निवासी रोहित के साथ बख्तावर के घर गया और उसकी नौ साल की बेटी ज्योति कौर के मुंह में कपड़ा ठूंसकर उसे मरणासन्न हालत में कमरे में बंद कर दिया। बख्तावर की सात साल की दूसरी बेटी गुरप्रीत कौर को दूसरे कमरे में डरा धमकाकर बंद कर दिया। आरोपियों ने बख्तावर के बेटे राजदीप को बाहर दुकान में खिलाने के बहाने भेज दिया। चारों आरोपियों ने बख्तावर के घर में लूटपाट की और फरार हो गए।'
इस मामले के होने के कुछ देर बाद बख्तावर का भाई जसवंत सिंह अपने दोस्त के साथ वहां पहुंचा तो ज्योति मृत हालत में कमरे में पड़ी थी। वहीं उन्होंने उसी समय दूसरे कमरे से गुरप्रीत को निकाला तो उसने पूरी घटना की जानकारी दी और इसके बाद उन्होंने पुलिस को इसकी शिकायत की जिस पर पुलिस ने चारों लोगों के खिलाफ हत्या और लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया। अब इस मामले में अदालत ने आरोपियों को धारा 363 के तहत तीन साल का कारावास, पांच हजार रुपये अर्थदंड, धारा 376(2 ध) के तहत दस साल की सजा और 50 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 366 के तहत पांच साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी है।
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