देहरादून: रविवार दोपहर डेढ़ बजे हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। रविवार प्रातः 9 बजे से हेमकुंड साहिब स्थित गुरुद्वारे में शबद कीर्तन आरम्भ हो गया, जो दोपहर 12 बजे तक चला। गुरुग्रंथ साहिब का हुकुमनामा लिया जाएगा, उसके पश्चात् साढ़े 12 बजे इस वर्ष की आखिरी अरदास हुई। दोपहर एक बजे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब का हुकुमनामा लिया गया तथा पवित्र गुरुग्रंथ साहिब को पंजाब से आए खास बैंड की धुन के साथ पंच प्यारों की अगुवाई में दरबार साहिब से सचखंड साहिब (गर्भग्रह) में लाया गया।
वही इसी के साथ दोपहर डेढ़ बजे हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। हेमकुंड साहिब के कपाट बंदी को लेकर शनिवार को ही 2200 से ज्यादा भक्त गोविंद घाट तथा घांघरिया पहुंच चुके थे। जो रविवार प्रातः हेमकुंड साहिब पहुंचे तथा इस वर्ष की आखिरी अरदास में हिस्सा लिया। वही कोरोना के चलते इस वर्ष 18 सितंबर से हेमकुंड साहिब की यात्रा आरम्भ हुई। उसके बाद भी यहां पर 10 हजार से ज्यादा भक्त दर्शन को पहुंचे।
इसके साथ ही हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने कहा कि सर्वाधिक ठंड तथा विपरीत मौसम को देखते हुए ट्रस्ट ने 10 अक्टूबर को कपाट बंद करने का फैसला लिया है। बताया गया है कि कपाट बंदी के चलते ट्रस्ट के प्रधान सरदार जनक सिंह, जनरल सेक्रेटरी सरदार रविंदर सिंह समेत सेना की इंजीनियरिंग कंपनी के अफसर तथा जवान भी उपस्थित रहे।
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