उत्तराखंड बोर्ड में बारहवीं की परीक्षा में 94.80 फीसद अंकों के साथ 11वां स्थान प्राप्त करने वाला छात्र सचिन सिंह घिंघा पिथौरागढ़ जिले का टॉपर होने के अपने परिणाम से नावाकिफ़ होते हुए हिमालय के चार हजार मीटर ऊंचे ग्लेशियर पर गए हुए है. वह वहां छुट्टियां मानाने नहीं गए है बल्कि टॉपर सचिन की पारिवारिक अवस्था अच्छी नहीं है उन्होंने अपनी अभी तक की पड़े भी बहुत संघर्षपूर्ण और कड़ी मेहनत के दम पर पूरी की है.
छात्र सचिन अपने परीक्षा परिणाम से बेख़बर अपनी आगे की पढ़ाई के लिए पैसा कमाने के लिए हिमालय के ग्लेशियर पर कीड़ाजड़ी नमक जड़ीबूटी इकठ्ठा करने गए है. दरअसल सचिन के पिता गांव में मजदूरी करते हैं और अपने बेटे की इस सफलता से वह बहुत खुश है पर साथ उन्हें इस बात का मलाल भी है कि वो अपने बेटे को पढ़ा पाने में समर्थ नहीं है और इस मुकाम को हासिल करने के लिए उनके बेटे सचिन ने बहुत परिश्रम किया है.
बता दे कि छात्र सचिन जिस 'कीड़ाजड़ी' नामक जड़ी को खोदने के लिए ग्लेशियर पर गए है वो यौनवर्धक दवाएं बनाने में काम आती है, इस जड़ी की देशी, विदेशी बाजार में भारी मांग के चलते अच्छे दाम मिलते हैं और यह काफी महंगे दाम पर बिकती है, इसलिए सचिन भी इसकी तलाश में जुटे हैं ताकि उन पैसों से वह अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर सके. इस जड़ी के लिए लोग मई महीने की शुरुआत में ही घर से निकल जाते हैं और बरसात शुरू होने पर ही वापस लौटते हैं. इस काम को करने वाले इन गांवों के साथ ही नागनीधूरा, राजरंभा, रालम, पोटिंग, ल्वा, गोरीपार आदि के तकरीबन 1200 परिवार कीड़ा जड़ी निकालने का काम करते हैं.
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