पटना: इसी वर्ष 27 फरवरी को जीतनराम मांझी ने विधानमंडल दल की बैठक में कहा था, ''कसम खाकर कहता हूं, नीतीश का साथ छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा।'' मांझी के इस बयान के 107 दिन पश्चात् उनके बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कुमार की मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। वे बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री थे। संतोष सुमन ने इस्तीफा देने के पश्चात् नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे पार्टी का विलय जनता दल यूनाइटेड में करने का दबाव डाल रहे थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे अभी भी महागठबंधन में ही रहना चाहते हैं।
दरअसल, नीतीश कुमार ने बीते वर्ष भाजपा से नाता तोड़कर राजद-कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाई थी। इस सरकार में वाम दलों ने बाहर से समर्थन दिया है। वहीं, हम ने 2020 विधानसभा का चुनाव नीतीश के साथ मिलकर लड़ा था। ऐसे में वह भी नीतीश के साथ महागठबंधन में सम्मिलित हो गए थे। मांझी की पार्टी के 4 MLA हैं। उनके बेटे संतोष मांझी को महागठबंधन सरकार में मंत्री बनाया गया था।
भले ही मांझी के बेटे संतोष सुमन ने कहा हो कि वे महागठबंधन में रहना चाहते हैं। किन्तु खबर ये है कि जीतनराम मांझी नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं। दरअसल, नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में राहुल गांधी से लेकर मलिकार्जुन खरगे तथा अखिलेश यादव, केजरीवाल, ममता बनर्जी, स्टालिन समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता सम्मिलित होंगे। किन्तु नीतीश ने इस बैठक का आमंत्रण महागठबंधन में अपने सहयोगी जीतन राम मांझी को नहीं भेजा है।
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