नई दिल्ली: जज का बेटा जज बनेगा या जज का ही कोई पसंदीदा व्यक्ति जज बनेगा, न्यायपालिका की इस व्यवस्था में सुधार करने को लेकर काफी समय से चर्चा चल रही है। हाल ही में कॉलेजियम सिस्टम (Collegium System) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के बीच तल्खी भी देखने को मिली थी। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के प्रमुख विकास सिंह ने भी अगस्त 2022 में एक कार्यक्रम के दौरान कॉलेजियम की नियुक्तियों को लेकर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि कॉलेजियम अपनी जान-पहचान वालों की ही नियुक्ति करता है। जिससे अच्छे जज पीछे रह जाते हैं। अब एक हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिससे पता चला है कि प्रधान न्यायाधीश (CJI) रहते हुए न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित (CJI UU Lalit) ने 40 से ज्यादा अर्दली और स्टाफ अपने आवास पर रखे हुए थे।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि न्यायमूर्ति यूयू ललित जब देश के मुख्य न्यायाधीश थे तो उनके आवास पर 40 से ज्यादा चपरासी और सहायक कर्मचारी तैनात थे। सेवानिवृत्ति के करीब डेढ़ महीने बाद भी उनके पास लगभग 28 सहायक कर्मचारी बने हुए हैं। संवैधानिक पद पर रहे किसी व्यक्ति की तरफ से अपने आवास पर तैनात कर्मचारियों के आँकड़े पर गौर किया जाए, तो यह एक रिकॉर्ड की तरह है। बता दें कई, न्यायाधीश यूयू ललित देश के 49वें चीफ जस्टिस रहे हैं। उनका कार्यकाल महज 74 दिन का था।
The new Mughals.
— Sandeep Thapar ???????? (@sandythapar) December 27, 2022
One staff for every two days as CJI (40 staff for 74 days as CJI). 28 staff still retained 45 days after retirement.
Then they pt fingers at the fauji keeping one odd sahayak! pic.twitter.com/IYq1lI3fUK
जस्टिस ललित ने 27 अगस्त 2022 को यह जिम्मेदारी ग्रहण की थी। 8 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्त हो गए थे। इस दौरान उनके आधिकारिक आवास 19, अकबर रोड पर 40 से ज्यादा सहायक कर्मचारी तैनात थे। अगर उनका कार्यकाल लंबा होता, तो संभव है कि यह तादाद कहीं अधिक होती। रिटायरमेंट के लगभग डेढ़ माह हो चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति ललित फ़िलहाल, अकबर रोड के आवास में बने हुए हैं। अभी भी उनकी सेवा में 28 अर्दली और सहायक कर्मचारी तैनात हैं। ये वे कर्मचारी हैं, जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय ने साफ-सफाई व अन्य कामों के लिए नियुक्त किया था।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि न्यायमूर्ति यूयू ललित से पहले के CJI के कार्यकाल में अमूमन उनके आधिकारिक आवास पर 12-15 सहायक कर्मचारी ही तैनात किए जाते थे। वहीं, सेवानिवृत्ति के बाद वे 2-3 कर्मचारी अपने साथ रखते थे। यूयू ललित को ये सभी कर्मचारी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए थे। साथ ही कोर्ट की तरफ से यह भी कहा गया था कि चाहे जस्टिस ललित, दिल्ली में रहें या फिर अपने गृह राज्य जाएँ, इन कर्मचारियों को अपने साथ रख सकते हैं। बता दें कि राष्ट्रपति भवन या प्रधानमंत्री कार्यालय में काम करने वाले सहायक कर्मचारियों की तादाद को छोड़ दिया जाए, तो किसी भी अन्य संवैधानिक पद पर रहे व्यक्ति के घर पर इतने अधिक अर्दली और सहायक कर्मचारी की तैनाती शायद ही मिले।
जजों की छुट्टियों को लेकर भी है विवाद:-
बता दें कि, कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बीते दिनों न्यायालयों में लंबित पड़े मामलों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय को नसीहत दी थी। कानून मंत्री का कहना था कि सरकार, न्यायालय के कामों में दखल नहीं देना चाहती, मगर 5 करोड़ मामले देश की विभिन्न अदालतों में पेडिंग पड़े हुए हैं। सरकार की चिंता उन लंबित मामलों को लेकर है और जनता को इंसाफ दिलाने को लेकर है। कानून मंत्री ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के साथ दूसरे उच्च न्यायालयों में भी जो जजों के पद खाली हैं, वो चिंता में डालने वाली बात है। सरकार के पास अच्छे न्यायमूर्तियों की सिफारिशें नहीं आतीं।
हालांकि, कानून मंत्री के बयान पर प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने दो टूक जवाब देते हुए कहा था कि, सर्दियों की छुट्टी में सुप्रीम कोर्ट काम नहीं करने वाली है। CJI ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय में 19 दिसंबर से सर्दी की छुट्टियां (Winter Vacation) शुरू होंगी, जो 1 जनवरी, 2023 तक चलेगी। उसके बाद 2 जनवरी से काम फिर से शुरू होगा। इससे पहले संसद में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने अदालतों से छुट्टियां कम करने और काम करने का समय बढ़ाने का आग्रह किया था, ताकि पेंडिंग मामलों को निपटाया जा सके और जनता को इंसाफ मिले।
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