वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर में बच्चों का कमरा पूर्व, उत्तर, पश्चिम या वायव्य दिशा में होना चाहिए। दक्षिण, नैऋत्य या आग्नेय दिशा में बच्चों का कमरा नहीं होना चाहिए। बच्चों के कमरे की सजावट अच्छी होनी चाहिए और कमरे में रंग उनके शुभ रंग के अनुसार ही होना चाहिए। अगली स्लाइड्स में जानते हैं कैसा हो बच्चों का कमरा।
पर्दों का रंग - पर्दों का रंग गहरा होना चाहिए। बच्चों का पलंग - बच्चों का पलंग निचा होना चाहिए। बच्चों को इस दिशा में सुलाएं -बच्चों का सिरहाना पूर्व दिशा की ओर हो पैर पश्चिम की ओर होने चाहिए। ऐसे सोने से उन्हें नींद अच्छी आएगी। एक स्वस्थ जीवन के लिए पर्याप्त नींद लेना जरुरी है। टेबल एवं कुर्सी- बिस्तर के उत्तर दिशा की ओर टेबल एवं कुर्सी होनी चाहिए। पढ़ाई कैसे करें- पढ़ते समय बच्चे का मुंह पूर्व दिशा की ओर तथा पीठ पश्चिम दिशा की ओर होनी चाहिए। कमरे में रोशनी- बच्चों के कमरों में पूरी रोशनी आनी चाहिए। इससे कमरे में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
बच्चों के कमरों में तस्वीरों का विशेष ध्यान रखें -बच्चों के कमरों में तस्वीरों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कमरे में लगी तस्वीरों का बच्चों के जीवन में गहरा प्रभाव पड़ता है। बच्चों के कमरे में हिंसात्मक तस्वीरें न लगाएं।बच्चों के कमरे में लगाएं भगवान की तस्वीरें -बच्चों के कमरे में भगवान की तस्वीरें लगानी चाहिए। ऐसा करने से बच्चों के जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है। बच्चों के कमरे में हो शांति का माहौल-बच्चों के कमरे में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि घर में होने वाला शोरगुल उन्हें बिलकुल बाधित न करें।
अगर आप भी चबाते हैं नाखून तो आज ही कर दें बंद वरना...
आज है रुक्मिणी अष्टमी, इस विधि से करें पूजन
आज इन राशि वालो की होगी पुराने मित्रो से मुलाकात, मिल सकता है धोखा