इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के मेगा ऑक्शन में 13 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी को राजस्थान रॉयल्स ने 1 करोड़ 10 लाख रुपये में खरीदा, जिससे वह चर्चा का केंद्र बन गए। समस्तीपुर, बिहार के इस युवा बल्लेबाज को लेकर क्रिकेट जगत में उत्साह के साथ विवाद भी खड़ा हो गया है। उनकी उम्र को लेकर सवाल उठ रहे हैं, तथा उन पर एज फ्रॉड (उम्र का फर्जीवाड़ा) करने का आरोप लगाया गया है।
कौन हैं वैभव सूर्यवंशी?
वैभव सूर्यवंशी बिहार के समस्तीपुर क्षेत्र से हैं तथा डोमेस्टिक क्रिकेट में बिहार का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इस वर्ष रणजी ट्रॉफी में मुंबई के खिलाफ अपने फर्स्ट-क्लास करियर की शुरुआत की। अब तक खेले गए 5 फर्स्ट-क्लास मैचों में उन्होंने 100 रन बनाए हैं तथा एक विकेट भी हासिल किया है। इसके अतिरिक्त, वैभव ने 2024 की सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में राजस्थान के खिलाफ टी20 डेब्यू किया। हालांकि, अपने पहले मैच में वह सिर्फ 13 रन ही बना सके। उनके पिता संजीव सूर्यवंशी का कहना है कि वैभव विवादों से दूर रहकर सिर्फ क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ समय पहले तक वैभव डोरेमोन कार्टून देखा करता था, मगर अब उसका पहला प्यार क्रिकेट बन गया है।
सबसे कम उम्र में नीलामी का हिस्सा बने वैभव
वैभव सूर्यवंशी ने IPL नीलामी में अपनी युवा प्रतिभा के कारण खूब सुर्खियां बटोरीं। 30 लाख रुपये के बेस प्राइस से शुरू हुई बोली में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा। नीलामी में दिल्ली कैपिटल्स भी उनके लिए बोली लगा रही थी, मगर राजस्थान ने अंततः उन्हें अपने दल में शामिल किया। राजस्थान रॉयल्स के इस फैसले ने जहां कई प्रशंसा बटोरी, वहीं वैभव की उम्र पर खड़े हुए विवाद ने इस नीलामी को एक अलग ही दिशा में मोड़ दिया। क्रिकेट इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि इतनी कम उम्र का खिलाड़ी नीलामी में इतना बड़ा अनुबंध पाने में सफल रहा।
उम्र को लेकर विवाद और आरोप
वैभव की उम्र को लेकर विवाद तब आरम्भ हुआ जब उनका एक पुराना वीडियो सामने आया। इस वीडियो में वैभव ने दावा किया था कि सितंबर 2023 में वह 14 साल के हो जाएंगे। मगर वर्तमान में उन्हें 13 साल का बताया जा रहा है। इस विसंगति ने उनके खिलाफ एज फ्रॉड के आरोपों को जन्म दिया। जनवरी 2025 में रणजी ट्रॉफी में खेलने के पश्चात् भी उनकी उम्र को लेकर विवाद हुआ था। आलोचकों का कहना है कि उनकी वास्तविक उम्र शायद ज्यादा है, और इसे छिपाने के लिए गलत दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है।
पिता ने दी सफाई
इस पूरे मामले पर वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "वैभव जब साढ़े 8 साल के थे, तभी से वह BCCI के बोन टेस्ट से गुजर रहे हैं। वह अंडर-19 टीम में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, और उनकी उम्र को लेकर जो भी सवाल उठ रहे हैं, उनसे हमें कोई डर नहीं है। अगर जरूरत पड़ी तो वैभव दोबारा टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं।" संजीव ने यह भी कहा कि उनके बेटे की प्रतिभा पर सवाल उठाना अनुचित है। उन्होंने जोर दिया कि वैभव एक होनहार खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत एवं क्षमता के बल पर यहां तक का सफर तय किया है।
बोन टेस्ट: उम्र का सटीक पता लगाने का तरीका
क्रिकेट में खिलाड़ियों की उम्र के सत्यापन के लिए अक्सर बोन टेस्ट का सहारा लिया जाता है। बोन टेस्ट (Bone Test) एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति की हड्डियों की जांच करके उनकी सही उम्र का पता लगाया जाता है। यह परीक्षण बेहद महत्वपूर्ण है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) समेत अन्य खेल प्राधिकरण इस प्रक्रिया का उपयोग खिलाड़ियों की उम्र की सत्यता सुनिश्चित करने के लिए करते हैं।
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