आप सभी को बता दें कि आज वैकुंठ चतुर्दशी है और इस दिन पूरे विधि विधान से पूजा करने से सभी को पापों से मुक्ति मिलती है और वैकुंठ की प्राप्ति होती है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं आज की पूजा विधि.
वैकुंठ चतुर्दशी पूजा विधि - इस दीं स्नान करके नया वस्त्र धारण करें और उपवास रखें. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा निशिथ काल यानी अर्धरात्रि में की जाती है और इस दिन घर में चौकी पर भगवान विष्णु और भोलेनाथ की मूर्ति स्थापित करें. अब इसके बाद प्रतिमाओं पर तुलसी और बेल के पत्ते चढ़ाएं. अब इसके बाद भगवान को तिलक लगाएं, धूप, दीप जलाएं और भोग चढ़ाएं. अब विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और आरती करें और भगवान विष्णु को श्वेत कमल पुष्प, धूप दीप, चंदन और केसर चढ़ाएं. ध्यान रहे आप आज उन्हें तुलसी दल भी अर्पित करें और तुलसी दल अर्पित करने के बाद भगवान विष्णु को चंदन का तिलक करें. अब इसके बाद गाय के दूध, मिश्री और दही से भगवान का अभिषेक करें और षोडशोपचार पूजा करके भगवान विष्णु की आरती उतारें और श्रीमदभागवत गीता और श्री सुक्त का पाठ करें और भगवान विष्णु को मखाने की खीर का भोग लगाएं.
इसके बाद दूध और गंगाजल से भगवान शंकर का अभिषेक करें और बेलपत्र चढ़ाने के बाद भगवान शंकर को मखाने की खीर का भोग लगाएं और प्रसाद के रुप में लोगों को वितरित करें. अब जैसा आप कर सकते हैं वैसे गरीबों और ब्राह्मणों को दान दें. ध्यान रहे भगवान विष्णु को कमल के 1000 फूल अर्पित करने चाहिए और अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप भगवान को एक ही कमल का फूल अर्पित करें. इसी के साथ भगवान विष्णु के मंत्र और श्री सूक्त का पाठ करें और वैकुंठ चतुर्दशी की कथा अवश्य सुनें. ध्यान रहे आरती उतारने के बाद भगवान विष्णु को खिचड़ी, घी और आम के अचार का भोग लगाएं और खिचड़ी, घी और आम का आचार प्रसाद के रूप में स्वंय भी ग्रहण करें और परिवार के लोगों को भी दें. इस दीं किसी सरोवर, नदी या तट पर 14 दीपक अवश्य जलाएं.
वैकुंठ चतुर्दशी 2019 शुभ मुहूर्त -
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ - शाम 4 बजकर 33 मिनट से (10 नवंबर 2019)
चतुर्दशी तिथि समाप्त - अगले दिन शाम 6 बजकर 2 मिनट तक (11 नवंबर 2019)
वैकुंठ चतुर्दशी निशा काल मुहूर्त : 11 नवंबर रात 11:56 से 12:48 तक
कार्तिक पूर्णिमा के दिन जरूर करें यह उपाय