वैशाख का महीना अप्रैल और मई में आरम्भ होता है। वैशाख हिंदू पंचांग का दूसरा महीना है तथा पहला महीना चैत्र का है। विशाखा नक्षत्र से संबंध होने की वजह से इसको वैशाख माह कहते हैं। इस महीने में धन प्राप्ति और पुण्य प्राप्ति के मौके आते हैं। वैशाख के महीने को बहुत ही पवित्र माह कहा जाता है, इसलिए इस माह में पूजा एवं आरधना सबसे अधिक की जाती है। मुख्य तौर पर इस महीने में विष्णु जी, परशुराम और देवी की आराधना की जाती है। वर्ष में एक बार बांके बिहारी के चरण दर्शन भी इसी महीने में होते हैं। इस महीने में गंगा या सरोवर स्नान की खास अहमियत है। इसी वक़्त से लोक जीवन में मंगल कार्य आरम्भ होते हैं। इस बार वैशाख का महीना 7 अप्रैल मतलब आज से आरम्भ हो रहा है और 5 मई, शुक्रवार को इस माह का समापन होगा।
वही इस महीने में गर्मी की मात्रा निरंतर तीव्र होती जाती है। जिसके कारण तमाम प्रकार की संचारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस महीने में जल का प्रयोग बढ़ा देना चाहिए। इसमें तेल वाली चीजें कम से कम खानी चाहिए। जहां तक संभव हो सत्तू एवं रसदार फलों का प्रयोग करें। देर तक सोने से बचना चाहिए।
वैशाख महीने में क्या करें?
- रोज प्रातः सूर्योदय के पहले उठें।
- गंगा नदी, सरोवर या शुद्ध जल से स्नान करें। जल में थोड़े से तिल भी मिलाएं।
- तत्पश्चात, श्रीहरि विष्णु की उपासना करें।
- इस महीने में जल का संतुलित प्रयोग करें।
- महीने में दोनों एकादशियों का पालन करें।
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