शिवपुरी: मध्यप्रदेश में आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले विभिन्न समाजों के लोग एकजुट होने लगे हैं। इसी क्रम में शिवपुरी में वैश्य समाज के पदाधिकारियों ने मांग रखी है कि उन्हें भी आने वाले विधानसभा चुनाव में बराबर की भागेदारी प्राप्त होना चाहिए। वैश्य महासम्मेलन मध्य प्रदेश के पदाधिकारियों ने शिवपुरी में एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर अपनी मांग रखी।
शिवपुरी के होटल नक्षत्र में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में वैश्य महासम्मेलन मध्यप्रदेश इकाई के प्रदेश महामंत्री भरत अग्रवाल ने बताया कि वे उस सियासी दल के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे, जो वैश्यों के हितों का संरक्षण, संवर्धन व उनकी सुरक्षा का वचन देगा। पदाधिकारियों ने मांग रखते हुए कहा कि ने वैश्य महासम्मेलन मध्यप्रदेश की प्रादेशिक कार्य समिति की बैठक इंदौर में आयोजित की गई थी, जिसमें एक राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया है। इस राजनीतिक प्रस्ताव के मुताबिक, वैश्यों को राजनीति में बराबर का प्रतिनिधित्व देना चाहिए।
समाज के इन पदाधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश में वैश्य बहुत आंकड़े में हैं। पत्रकार वार्ता के चलते वैश्य महासम्मेलन के पदाधिकारी ने कहा कि अगर उन्हें सियासी दलों ने बराबर का प्रतिनिधित्व नहीं दिया तो वे अपने हिसाब से फैसले लेंगे। इसके अतिरिक्त बताया गया कि आगामी विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा मतदान को लेकर के जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। 2 अक्टूबर को वैश्य चेतना रैली का आयोजन किया जाएगा। अक्टूबर महीने में गरवा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। वैश्य समाज के लोगों को टिकट एवं बराबर का प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग करने पर अब बीजेपी एवं कांग्रेस दोनों ही दलों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। मध्यप्रदेश में देखा जाए तो शहरी क्षेत्रों में बड़े आंकड़े में वैश्य मतदाता हैं तथा अगर वैश्य समाज के लोग नाराज होते हैं तो दोनों ही दल समस्या में आ सकते हैं।
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