वाराणसी: देश के 12 ज्याेर्तिलिंग में एक वाराणसी के काशी विश्वनाथ परिसर में बने ज्ञानवापी मस्जिद का पुरातात्विक सर्वेक्षण होगा। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से संबंधित मामले में विवादित परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण करवाने का आदेश दे दिया है। अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने इस संबंध में जानकारी दी है।
इस मामले में वाद दाखिल करने वाले वकील रस्तोगी ने बताया कि सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक (दीवानी न्यायाधीश) कोर्ट, वाराणसी ने इस मामले में यूपी सरकार को अपने खर्चे पर यह सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षेण (ASI) के पांच विख्यात पुरातत्ववेत्ताओं को शामिल करने के निर्देश दिए हैं, जिसमे दो अल्पसंख्यक समुदाय के पुरातत्ववेत्ता शामिल रहेंगे। रस्तोगी ने बताया कि वर्ष 2019 में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में उन्होंने स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर काशी विश्वनाथ की तरफ से वाद मित्र के रूप में आवेदन दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद, विश्वेश्वर मंदिर का एक हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि कोर्ट ने उनके आग्रह पर विचार करते हुए परिसर में पुरातात्विक सर्वेक्षण कराए जाने का आदेश दिया है। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) आशुतोष तिवारी ने दो अप्रैल को फैसले के लिए आठ अप्रैल की तारीख मुक़र्रर कर दी थी। आखिरकार काफी समय बाद ज्ञानवापी मामले में पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की अपील (प्रार्थना पत्र) को अदालत ने मंजूर कर लिया है। अदालत ने इसके लिये पांच सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी है ।
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