ग्वादर: जापानी अखबार निक्की एशियन रिव्यू की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि चीन के बेल्ट ऐंड रोड इनिशटिव (बीआरआई) को 7 देशों में बड़ा झटका लग सकता है. बीआरआई का उद्देश्य एशिया को यूरोप और अफ्रीका को एशिया के साथ जोड़कर व्यापार के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना है. पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर पोर्ट 63 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर का वेन्यू है. इस प्रॉजेक्ट के तहत चीन पाकिस्तान के लिए पावर प्लांट, एयरपोर्ट्स, हाइवे और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है. इस सब के बावजूद, कुछ विश्लेषकों ने चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे जैसी चिंताएं जाहिर की हैं.
जानकार इस बात पर भी संदेह जता चुके हैं कि पाकिस्तान इस कर्जे को कैसे चुकाएगा? चिंता इस बात को लेकर भी है कि इस तरह के निवेश की कीमत एक भारी भरकम लोन हो सकता है. रिपोर्ट में एक बिजनस पॉलिसी अडवोकेसी फोरम पाकिस्तान बिजनस काउंसिल के सीईओ एहसान मलिक के हवाले से कहा गया है, 'इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर पाक के लिए गेमचेंजर साबित होगा, लेकिन हमें सावधान रहने की जरूरत है. दस साल टैक्स की छूट के बदले चीनी कंपनियों के लिए 90 साल की लीज और सस्ता आयात घरेलू उद्योगों की प्रतिस्पर्धा पर असर डालेगा.'
'निक्की एशियन रिव्यू' और 'द बैंकर मैगजीन' ने सात देशों में बीआरआई के स्टेटस पर विस्तार में एक रिपोर्ट पब्लिश की है, इन देशों में इंडोनेशिया, श्री लंका, कजाकिस्तान, बांग्लादेश, पोलैंड, लाओस और पाकिस्तान हैं. रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि इन देशों में स्थानीय वर्कर्स और बैंकों के व्यवस्थित न हो पानेवाले कर्जे की वजह से इस प्रॉजेक्ट को लेकर पार्टिसिपेशन में कमी देखी जा रही है.
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