लखनऊ: अपनी ही भाजपा सरकार के खिलाफ हमले करके सुर्ख़ियों में रहने वाले यूपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने ऑक्सफोर्ड के निमंत्रण को ठुकरा कर सभी को हैरान कर दिया है। दरअसल, ऑक्सफोर्ड यूनियन ने वरुण गांधी को पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सही रास्ते पर है या नहीं, के विषय पर बोलने के लिए बुलाया था। लेकिन, वरुण गांधी ने आमंत्रण को ठुकराते हुए कहा कि घरेलू चुनौतियों को अंतर्राष्ट्रीय मंच स्टेज पर उठाने का काम अपमानजनक होगा। वे इन मुद्दों को भारत में ही सरकार और जनता के समक्ष उठाना चाहते हैं।
बता दें कि, वरुण बीते कुछ समय में अग्निवीर योजना, सरकारी नौकरियों, निजीकरण सहित कई मुद्दों पर भाजपा सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। साथ ही, कई अवसरों पर कांग्रेस और विपक्षी दलों के करीब जाते हुए भी नज़र आए हैं। इसी वजह से वरुण गांधी का यह फैसला हैरान करने वाला माना जा रहा है। वहीं, ये भी कहा जा रहा है कि, वरुण गांधी ने इस फैसले से अपने चचेरे भाई राहुल गांधी को आइना दिखाने का काम किया है, जिन्होंने ब्रिटेन में जाकर भारतीय लोकतंत्र, न्यायपालिका और सरकार पर गंभीर सवाल उठाए थे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीते दिनों ब्रिटेन में दावा किया था कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो रहा है। इसके साथ ही राहुल ने अप्रत्यक्ष रूप से ब्रिटेन और अमेरिका से भारत में हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया था। जिसको लेकर राहुल के विरोधियों द्वारा कहा गया था कि, वे विदेशी लोगों से भारत में दखल देने की मांग क्यों कर रहे हैं, क्या वे खुद भारत में अपनी समस्याएं नहीं बोल सकते? बता दें कि, हाल ही में राहुल गांधी ने 150 दिनों तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी, जिसमे उन्होंने हर दिन सरकार पर जमकर हमला किया था। इस दौरान उन्हें किसी ने नहीं रोका, उल्टा उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया करवाई गई थी।
राहुल ने ब्रिटेन में कहा था कि, संसद में जब विपक्षी दल के नेता बोलते हैं, तो उन्हें बोलने नहीं दिया जाता। उनका माइक बंद कर दिया जाता है। साथ ही राहुल ने विदेशी धरती से आरोप लगाया था कि, उनके फ़ोन में पेगासस था, और उनकी जासूसी की गई थी। हालाँकि, भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई जांच में किसी भी फ़ोन में पेगासस नहीं मिला था। इसके बावजूद राहुल ने यह आरोप लगाकर भारतीय न्यायपालिका का अपमान किया था। विदेशी धरती पर राहुल के इन तमाम बयानों के बाद से भाजपा ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। राहुल से भाजपा माफी की मांग कर रही है।
ऐसे में अब जब वरुण गांधी को भी विदेशी धरती पर मोदी सरकार की नीतियों के बारे में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया, तो उन्होंने इसके खिलाफ बोलने से इंकार कर दिया। वरुण का यह कदम राहुल गांधी के हालिया बयानों से बिलकुल उलट है। कई जानकार यहां तक मान रहे हैं कि वरुण ने अपने फैसले से राहुल गांधी को आईना दिखाने का काम किया है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक, आम जनता के बीच राहुल गांधी और वरुण को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। कई लोग वरुण के फैसले की प्रशंसा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि, वरुण, भारतीयता के मामले में राहुल गांधी से सामझदार निकले।
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