लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सांसद वरुण गांधी इन दिनों विभिन्न मुद्दों को लेकर अपनी ही पार्टी BJP को निशाने पर ले रहे हैं. ताजा मामला बैंकों की हड़ताल को लेकर है, इसमें वरुण गांधी ने बैंकों के निजीकरण की खिलाफत की है. इससे पहले वरुण ने किसानों के मुद्दे पर ट्वीट करके भी केंद्र और यूपी सरकार को आड़े हाथों लिया था. उससे पहले कॉन्ट्रेक्ट कर्मियों के धरना प्रदर्शन में भी वरुण शामिल हुए थे.
बता दें कि लाखों बैंककर्मियों ने निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया था. दरअसल, बजट सत्र के दौरान सरकार ने 2 बैकों के विनिवेश की बात की थी, जिसका लाखों बैंककर्मी विरोध कर रहे हैं. बरेली में सांसद वरुण गांधी ने कहा कि, 'यदि बैंकों का निजीकरण हो जाएगा तो 8-10 लाख लोगों की नौकरी चली जाएगी. ये अधिकतर लोग 40-50 वर्ष के होंगे. इन्हें फिर से कौन नौकरी देगा? उनके बच्चे कौन पालेगा? यदि BHEL, MTNL, BSNL और हवाई अड्डों को बेच दिया जाएगा तो आम जनता के बच्चों को कौन नौकरी देगा?'
इससे पहले पिछले सप्ताह वरुण गांधी ने कहा था कि, 'जब हम सरकारी बैंकों का निजीकरण कर रहे हैं, तब हमें थोड़ा रुककर ध्यान देना चाहिए कि ये बैंक लाखों लोगों को नौकरी देते हैं. यही नहीं स्वयं सहायता समूह की मदद करते हैं, ग्रामीण बैंकिंग की सुविधा देते हैं, छोटे और मध्यम आकार के उद्योगों को ऋण देते हैं. ये तमाम चीजें निजी या प्राइवेट बैंक शायद ना करे.'
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