सनातन धर्म में एकादशी तिथि की खास अहमियत है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। उत्तर भारतीय पंचांग के मुताबिक, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष के चलते और दक्षिण भारतीय पंचांग के मुताबिक, चैत्र मास के कृष्ण के चलते वरुथिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। हालांकि दोनों पंचांग के मुताबिक, एकादशी की तिथि एक ही पड़ती है। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, यह व्रत मार्च या अप्रैल महीने में रखा जाता है।
वरुथिनी एकादशी 2023 कब है?
इस वर्ष वरुथिनी एकादशी 16 अप्रैल 2023, रविवार को है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, राजा मान्धाता जो राक्षस कुल में जन्म लेकर वरुथिनी एकादशी व्रत करने की वजह से अंत में मोक्ष को प्राप्त हुए थे।
वरुथिनी एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त:-
एकादशी तिथि 15 अप्रैल को शाम 08 बजकर 45 मिनट से प्रारंभ होगी जो कि 16 अप्रैल को शाम 06 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी।
वरुथिनी एकादशी का महत्व:-
शास्त्रों के मुताबिक, वरुथिनी एकादशी व्रत करने से जातक की मनोकामना पूरी होती है। इस दिन प्रभु श्री विष्णु की अराधना करने से भक्त सभी सुखों को भोगकर अंत में वैकुंठ प्राप्त करता है। जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है।
एकादशी व्रत पारण का समय:-
17 अप्रैल को एकादशी व्रत पारण का समय प्रातः 05 बजकर 54 मिनट से प्रातः 08 बजकर 29 मिनट तक है।
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