भारतीय संस्कृति के अनुसार एक शादीशुदा महिला को मांग में सिंदूर, गले में मंगलसूत्र और पैर में बिछिया पहनना सबसे जरुरी माना गया है क्योंकि ये सुहाग की निशानी होती है जो ये संकेत देती है कि आप एक सुहागन स्त्री है, जिस तरह मांग में सिंदूर लगाने से पति की उम्र लम्बी होती है उसी तरह गले में मंगलसूत्र पहनने से पति हमेशा बुरी नज़रों से बचा रहता है.
ठीक इसी तरह पैर में बिछिया पहनना भी शुभ माना गया है. वहीं भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बिछिया चन्द्रमा का प्रतीक है. यही वजह है कि अक्सर शादीशुदा महिलाओं को चांदी की बिछिया पहनने की सलाह दी जाती है ताकि उन पर चन्द्रमा की कृपा द्रष्टि हमेशा बनी रही है. ज्योतिष्य के मुताबिक़ ये बताया गया है कि कभी भी पैर से बिछिया गुम नहीं होना चाहिए इसे अशुभ माना गया है. माना जाता है कि अगर ऐसा होता है तो पति बीमार पड़ सकता है.
इसके अलावा अपने पैरो की बिछिया किसी दूसरी स्त्री को भी नहीं देना चाहिए इससे पति पत्नी के रिश्तो में खटास आती है. पंडितों की माने तो विवाहित महिलाओं को बिछिया दाहिने तथा बाएं पैर की दूसरी अंगुली में पहनना चाहिए. अगर आप चांदी की पायल और बिछिया पहनेंगे तो ज्यादा शुभ रहता है लेकिन ध्यान रहें ये खोने न पाए, इन्हें लक्ष्मी का रूप माना जाता है.
इसके अलावा औरतों की पैर की दूसरी अंगुली की तन्त्रिका का सीधा संबध गर्भाशय से होता है जो कि हृदय से होकर गुजरती है इसी कारण से दाहिने तथा बाएं पैर की दूसरी अंगुली में इन्हें पहनने की सलाह दी जाती है. अगर आप इस तरिके से पहनते है तो गर्भाशय स्वस्थ और ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहता है.
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