आज के समय में लोग अपने घर में नेम प्लेट लगाते हैं और वास्तु में इसे सबसे अहम और महत्वपूर्ण माना गया है। यह न केवल आपके घर की पहचान होती हैं बल्कि यह मान्यता है कि यह पॉजिटिव एनर्जी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। वैसे आज के समय में अक्सर लोग अपने घर का नामकरण करते हैं और उस नाम को नेमप्लेट पर लिखवाकर और साथ ही घर के मुखिया का नाम लिखवाकर नेमप्लेट को घर के मुख्य द्वार पर लगवा देते हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं नेमप्लेट का महत्व और कुछ खास टिप्स ताकि यह नेमप्लेट आपके जीवन में यश, कीर्ति और समृद्धि लाए।
* ध्यान रहे नेमप्लेट हमेशा साफ-सुथरी और सही आकार में होनी चाहिए। इसके अलावा अगर आकार के बारे में बात करें तो सबसे अच्छी नेमप्लेट आयताकार ही मानी जाती है।
* नेमप्लेट सदैव दो लाइन में लिखी हुई होनी चाहिए और इसे प्रवेश द्वार के दाईं ओर लगाना कारगर है।
* नेमप्लेट पर अक्षरों की बनावट साफ शब्दों में अंकित होनी चाहिए। इसके अलावा नेमप्लेट पर आपका पद भी स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए।
* नेम प्लेट पर नाम ऐसे लिखा जाना चाहिए कि वह न ही बहुत भरी हुई दिखे और न ही खाली दिखनी चाहिए।
* नेमप्लेट अगर आप दीवार या फिर दरवाजे पर लगा रहे हैं तो ऐसे लगाए कि यह दरवाजे की आधी ऊंचाई के ऊपर लगे या फिर दीवार की आधी ऊंचाई के ऊपर लगे।
* नेमप्लेट टूटा-फूटा या फिर ढीला नहीं होना चाहिए और नेमप्लेट में छेद नहीं होना चाहिए।
* नेमप्लेट सदैव साफ रखें और उस पर धूल-मिट्टी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उसपर मकड़ी के जाले भी लगे नहीं होने चाहिए।
* नेमप्लेट का रंग घर के मुखिया की राशि के अनुसार होना चाहिए।
* नेम प्लेट पर एक बाईं ओर गणेशजी की आकृति होनी चाहिए या स्वास्तिक का चिह्न होना चाहिए।
* ध्यान रहे अगर नेमप्लेट जरा सी भी टूट जाए या फिर उसकी पॉलिश उतर जाए तो उसे बदल देना चाहिए।
* नेमप्लेट के ऊपर रोशनी के लिए छोटा सा बल्व लगाना चाहिए।
* नेमप्लेट के पीछे मकड़ी, छिपकली और चिड़िया का घर नहीं होना चाहिए।
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