हिन्दू धर्मग्रंथों के मुताबिक, जिस घर में स्वच्छता होती है वहाँ माँ लक्ष्मी का वास होता हैं। यही वजह है कि दिवाली व अन्य त्योहारों पर हम अपने घरों की ख़ास तरीके से साफ़-सफाई करते हैं, जिससे घर में माँ लक्ष्मी का आगमन हो। वास्तुशास्त्र के अनुसार, सफाई के लिए उपयोग की जाने वाली झाड़ू भी माँ लक्ष्मी का ही प्रतीक है।
बताया जाता है कि अगर झाड़ू का रख-रखाव ठीक से ना हो तो इसका हमारे आर्थिक जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है। वास्तुशास्त्र में झाड़ू से संबंधित कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से जीवन की कई किस्म की परेशानियाँ ख़त्म हो जाती हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार, इन नियमों का पालन करने से घर में माँ लक्ष्मी का आगमन होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, शाम को झाड़ू लगाना अशुभ माना जाता है। वास्तुशास्त्र में बताया गया है कि कभी भी सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। माना जाता है कि सूरज ढलने के बाद झाड़ू लगाने से माँ लक्ष्मी नाराज़ हो जाती हैं और घर में गरीबी आती है।
वास्तुशास्त्र के मुताबिक, यदि नई झाड़ू खरीदनी हो तो शनिवार के दिन खरीदनी चाहिए। शनिवार के दिन झाड़ू खरीदना बेहद शुभ कहा गया है। इससे माँ लक्ष्मी के साथ- साथ शनिदेव भी खुश होते हैं। वास्तुशास्त्र के मुताबिक, कभी भी रसोईघर या साफ़ जगहों पर झाड़ू नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से घर में गरीबी और रोग आते हैं। रसोई में झाड़ू रखने से घर के सदस्यों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है इसलिए हमेशा झाड़ू को रसोई से दूर ही रखना चाहिए।
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