आप सभी को बता दें कि इस साल 22 मई को वट सावित्री व्रत है. ऐसे में यह व्रत स्त्रियों के लिए खास बताया जाता है. जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि इस दिन उपवास और पूजा करने वाली महिलाओं के पति पर आयी संकट टल जाती है और उनकी आयु लंबी होती है. इसी के साथ वट सावित्री व्रत में सुहागिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं. आइए जानते हैं क्यों की जाती है बरगद के पेड़ की पूजा.
क्यों पूजा जाता है बरगद का पेड़ - मान्यता है कि बरगद के पेड़ में त्रिदेवों यानी ब्रह्मा,विष्णु और महेश का वास होता है. ऐसे में वट सावित्री व्रत के दिन विवाहित महिलाएं वट वृक्ष पर जल चढ़ाकर उसमें कुमकुम और अक्षत लगाती हैं. इसी के साथ पेड़ में रोली लपेटी जाती है. जी दरसल पौराणिक मान्यता के अनुसार सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे ही अपने मृत पति सत्यवान को जीवित किया था इस कारण इस व्रत का नाम वट सावित्री पड़ा और इसलिए इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है.
वट सावित्री व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त -
वट सावित्री व्रत - 22 मई 2020
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 21 मई 2020 को शाम 09 बजकर 35 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त: 22 मई 2020 को रात 11 बजकर 08 मिनट तक
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