नईदिल्ली। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्राओं पर लाठीचार्ज मामले में वाइस चांसलर गिरीशचंद्र त्रिपाठी के सभी अधिकार छीन लिए गए हैं। तो दूसरी ओर चीफ प्रोक्टर ने लाठीचार्ज को लेकर नैतिक जिम्मेदारी ली और अपना इस्तीफा दे दिया। गिरीशचंद्र त्रिपाठी के लिए विद्यार्थियों का हंगामा काफी मुश्किलभरा रहा है। वे 26 नवंबर को ही विश्वविद्यालय के कुलपति पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
माना जा रहा है कि उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल वाराणसी कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव कुमार को अपनी जाॅंच रिपोर्ट सौंप दी। जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन को दोषी बताया गया है। ऐसे में विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी पसोपेश में नज़र आ रहे हैं। इस मामले में राजनीतिक विरोध तेज होने से परेशानी अधिक बढ़ गई है।
कांग्रेस ने मांग की है कि,वीसी को हटा दिया जाए। जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन चाहता है कि मामले की ज्यूडिशियली जाॅंच हो। बीएचयू प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय में 65 और संवेदनशील स्थलों को चिन्हित किया गया है, जहां सीसीटीवी कैमरे स्थापित होंगे पहले फेज में विश्वविद्यालय के द्वार और महिला छात्रावास पर इन्हें लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, सुरक्षा तंत्र में महिला सुरक्षाकर्मियों को भी शामिल किया जा रहा है।
ऊर्जा मंत्री और सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने लखनऊ में बीएचयू मामले को लेकर कहा कि सरकार ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं, हालांकि अगले ही पल वह अपनी बात से मुकर गए और कहा कि स्थानीय अधिकारी ही इस मामले की जांच करेंगे। कुछ लोग यूनिवर्सिटी का माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
BHU हंगामा: कमिश्नर ने योगी सरकार को सौंपी रिपोर्ट
बीएचयू के वीसी को दिल्ली तलब किया
मन की आवाज सुनती हूँ, भूमि पेडनेकर