नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के छतरपुर की बांदर हीरा परियोजना का ठेका लेने वाली कंपनियां निवेश से करने से पहले खदान का अध्ययन करवाना चाहती हैं। इस खदान का ठेका हासिल करने के लिए वेदांता, अडानी और फ्यूरा जेम्स जैसी कंपनियों लाइन कतार में खड़ी हैं। कंपनियां देखना चाहती हैं कि जिस तादात में खदान में हीरे की उपलब्धता बताई जा रही है, उतने हैं भी या नहीं और हीरे की क्वालिटी कैसी है। सरकार ने उनकी इस मांग पर सरकार ने उन्हें अध्ययन करने के लिए एक माह का समय दिया है।
कंपनियों ने अपनी तकनीकी टीम को छतरपुर भेज दिया है। इन टीम से सकारात्मक रिपोर्ट मिलने के बाद ही कंपनियां इस परियोजना में निवेश का फैसला करेंगी। खनिज साधन विभाग ने टेंडर में भाग लेने का समय भी बढ़ाकर 20 अक्टूबर कर दिया है। पहले 23 सितंबर तक टेंडर मंगाए गए थे। टेंडर प्रक्रिया में एक दर्जन कंपनियां शामिल हुई हैं।
खनिज विभाग के मुताबिक, इस खदान में 60 हजार करोड़ रुपये मूल्य के हीरे हैं। इसके लिए अगस्त से टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। अब तक दो बार टेंडर जमा करने की तारीख बढ़ाई जा चुकी है। वेदांता, अडानी और फ्यूरा जेम्स कंपनियों की ओर से सरकार को पत्र भेजकर निवेश से पहले खदान का अध्ययन कराने की मांग की है। इस परियोजना में कई विदेशी कंपनियों ने भी दिलचस्पी दिखाई है।
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