कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए पीएम मोदी ने 24 मार्च से लॉकडाउन लागू किया था. लेकिन लॉकडाउन में छूट के बाद तेजी से संक्रमण फैल रहा है. सरकार के छूट के फैसले के बाद बहुत उघोग धंधे एक बार फिर से चालू हो गए है. वही, दूसरी ओर शनिवार को वेदांता ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही में कंपनी को 12,521 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ. कंपनी ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी. वेदांता को पिछले साल की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान 2,615 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. कंपनी ने बताया है कि इस साल जनवरी से मार्च के दौरान कंपनी की एकीकृत आय भी पिछले साल की समान तिमाही की 25,096 करोड़ रुपये से घटकर 20,382 करोड़ रुपये पर रह गई. वेदांता के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील दुग्गल ने बयान जारी कर कहा है कि पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में कोविड-19 ने दुनिया और भारत को प्रभावित किया है.
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अपने बयान में उन्होंने कहा कि इन मुश्किल भरी परिस्थितियों में कंपनी ने अपनी परिसंपत्तियों और कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए प्रोएक्टिव तरीके से कदम उठाए हैं. दुग्गल ने कहा कि इन मुश्किल परिस्थितियों में कंपनी देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है.
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इसके अलावा कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ''वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी को 17,386 करोड़ रुपये का एक्सेप्शनल घाटा उठाना पड़ा. मुख्य रूप से तेल और गैस जैसी परिसंपत्तियों के मूल्य में ह्रास की वजह से ऐसा हुआ है. इसक मुख्य कारण कोविड-19 की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट है.''
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