राजगढ़ से मांगीलाल कुशवाह की रिपोर्ट
राजगढ़। जिले के ब्यावरा सिटी पुलिस थाने के पीछे जन सहयोग से संचालित सामाजिक संस्था खुशियों के ओटले पर रविवार को सिख धर्म के दसवे गुरु गुरुगोविंद सिंह जी महाराज के चार साहिबजादो की शहीदी को समर्पित देशभर में वीर बाल दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर साहेबजादो के बलिदानी जीवन के ऊपर प्रकाश डाला गया, ओटले के संचालक सुरजीत सिंह अजमानी ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री के आव्हान पर देशभर में इस शहीदी दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का आदेश जारी किया है।
सभी सामाजिक धार्मिक व राजनीतिक संस्थाओं पर साहिबजादों की शहादत को समर्पित करते हुए उनके बलिदानी जीवन को दर्शाने का और उनके वैचारिक जीवन पर डिजिटल वा गोष्ठियों के माध्यम से प्रकाश डालने का आदेश जारी किया है। श्री सिघ ने कहा 5 साल और 9 साल की उम्र में साहेबजादे जोरावर सिंह और साहेबजादे फतेह सिंह को राजा वजीर खान ने जीवित दीवार में जिंदा चुनवा ने का हृदय घातक आदेश जारी कर शहीद कराया गया। वही बड़े साहेबजादे अजीत सिंह वाह जुझार सिंह ने चमकोर की गड़ी में जोकि पंजाब में स्थित है वहां पर जंग के मैदान में मुगल सेना वा पहाड़ी राजाओं से लड़ते हुए शहादत प्राप्त की। आपको बता दें इन दोनों साहिबजादों की उम्र 15 या 17 साल की थी उनके पिता गुरु गोविंद सिंह महाराज को सरवंश दानी इसलिए कहां जाता है की जिनके दिल्ली चांदनी चौक में पिता गुरु तेग बहादुर जिनको हिंद की चादर भी कहा जाता है। वहां औरंगजेब के आदेश से उनका शीश धड़ से अलग कर शहीद किया गया था।
सिंह ने बताया कि आज देश के हर युवा और बच्चों को उनकी वीर जन्म गाथा सुना कर मनोबल बढ़ाने की जरूरत है। छोटी उम्र में देश ओर धर्म पर कुर्बान होने वाले यह दुनिया की सबसे छोटे शहीद कहलाते हैं आज सिख धर्म वह दुनिया के अन्य धर्म उनकी शहादत को याद कर नमन करते हैं। इस अवसर पर रवि साहू, परमजीत सिंह, सुमन मेवाडे, काजल वाल्मीकि, भगवती दांगी,चिराग समाधिया, सहित बड़ी संख्या में महिलाएं वा बच्चे मौजूद रहे जिनको कपड़े बाटे गए।
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