नई दिल्ली: इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने भारतीय कफ सीरप से गाम्बिया में बच्चों की मौत के दावे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में बने कफ सीरप से 66 बच्चों की मौत हो जाना भारत के लिए बहुत शर्म की बात है। नारायणमूर्ति ने यह भी कहा कि इससे भारतीय फार्मा नियामक एजेंसी की छवि धूमिल हुई है।
सोमवार को इंफोसिस प्राइज 2022 कार्यक्रम में संबोधन के चलते नारायणमूर्ति ने कफ सीरप से बच्चों की मौत पर चिंता जताते हुए कहा कि इस घटना से भारत को दुनिया की नजरों में शर्मसार होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि बीते 20 वर्षों में भारत ने विज्ञान एवं टेक्नॉलेजी के क्षेत्र में बहुत विकास किया है किन्तु अभी भी हमारे सामने बहुत चुनौतियां है।
इंफोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति ने भारत की उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि भारत का एक भी शिक्षण संस्थान वर्ल्ड ग्लोबल रैंकिग 2022 में सम्मिलित नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि हमें वैक्सीन निर्माण के लिए भी किसी दूसरे विकसित देश के टेक्नोलॉजी या रिसर्च पर निर्भर रहना पड़ता है। हम अभी भी डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसे बीमारी की वैक्सीन नहीं तलाश पाए है जिससे हम बीते 70 वर्षों से जूझ रहे हैं। इंफोसिस साइंस फाउंडेशन के ट्रस्टी एन आर नारायणमूर्ति ने कहा कि किसी भी आविष्कार या खोज की कामयाबी के लिए पहली आवश्यकता पैसा नहीं है। यदि ऐसा होता तो पूर्वी यूरोप के देश गणित के क्षेत्र में कामयाब नहीं होते। नारायणमूर्ति ने कहा कि शोध में कामयाबी के लिए दो चीजें अहम हैं। पहला- हमारे स्कूल और कॉलेज की शिक्षा दुनिया की वर्तमान परेशानियों से जुड़े हों। दूसरा- सफलता के लिए आवश्यक है कि हमारे शोधकर्ता वर्तमान की परेशानियों को जल्द से जल्द हल करने का प्रयास करें, जिससे आगे वो बड़ी से बड़ी परेशानियों को हल कर सकें।
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