जबलपुर/ब्यूरो। मानस भवन में जस्टिस वर्मा स्मृति व्याख्यान माला में हिस्सा लेने के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ वेटरनरी कॉलेज में आयोजित राजा शंकर शाह-कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस के कार्यक्रम में पहुंचे। इस मौके पर बड़ी संख्या में आदिवासी भी शामिल हुए। इसके पहले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पहुंचे।
उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने न्यायाधीश जेएस वर्मा की न्यायिक प्रज्ञा, ज्ञान और संवैधानिक मर्यादा को स्मरण किया। धर्मो रक्षति रक्षितः की व्याख्या करते हुए न्यायिक पारदर्शिता की आवश्यकता रेखांकित की। भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जगदीश शरण वर्मा स्मृति व्याख्यान माला में उपराष्ट्रपति जगदीप धमखड़ ने कहा कि मेरी कई यादें जस्टिस वर्मा से जुड़ी हैं। 1986 से 89 के बीच जब वे राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे, तब मैं बार कोंसिल से जुड़ा था।
उस समय राजस्थान हाई कोर्ट का अत्यंत कठिन दौर था, फिर भी जस्टिस वर्मा की न्यायिक सोच-समझ व पारदर्शी प्रक्रिया से समस्या हल हो गई। वे प्रशंसा व आलोकना, दोनों को समान रूप से लेने वाले न्यायाधीश थे। कामकाजी महिलाओं के उनके कार्यक्षेत्र में शोषण की समस्या को गम्भीरता से लेकर उन्होंने विशाखा गाइडलाइन की अभूतपूर्व सौगात दी।
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