काबुल: अफगानिस्तान से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमे तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य और दा अफगानिस्तान ब्रेशना शेरकट (DABS) के प्रमुख मुल्ला अहमद अखुंद को अपने 21 वर्षीय अंगरक्षक के साथ समलैंगिक संबंध में देखा गया। हालाँकि, अधिक हैरान करने वाली बात ये है कि, तालिबानी, जो अक्सर समलैंगिकता को लेकर बेहद गंभीर नज़र आते हैं और समलैंगिकों को पत्थर मार-मारकर मौत की सजा देते हैं, ने मुल्ला अहमद अखुंद के खिलाफ कोई कार्रवाई किए बिना उन्हें अपने पद पर बने रहने की अनुमति दे दी है। DABS की नवीनतम विज्ञप्ति के अनुसार, वह अभी भी निदेशालय के प्रभारी हैं और उनके हस्तक्षेप के बिना अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए अधिकृत हैं।
Taliban deputy chief Mullah Ahmed has been caught having a homosexual relationship with one of his guards.
— Amy Mek (@AmyMek) August 22, 2023
Mullah Ahmad is not only the deputy head of the Taliban but the head of the Brishna Company in Kabul.
Taliban government criminalizes homosexuality, and those who are… pic.twitter.com/x0uOaYLdP9
यह फुटेज एक छिपे हुए कैमरे से रिकॉर्ड किया गया मालूम होता है, जिसमें मुल्ला अहमद अखुंद को बिस्तर पर खड़े होकर कपड़े उतारते हुए देखा जा सकता है, जिसके बाद वह लेट जाता है। फिर उसके साथ उसका अंगरक्षक भी शामिल हो जाता है, जो उसके कपड़े उतार देता है और उसके साथ रजाई के नीचे चला जाता है। युवक पहले ब्रेशना शेरकट में तालिबान नेता के साथ काम करता था। विशेष रूप से, उन्हें समूह के उप रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद फज़ल की कंपनी में भी देखा गया था। बता दें कि, मुल्ला अहमद अखुंद को इस साल 20 अगस्त को तालिबान के उप प्रधान मंत्री के निर्देशन में DABS का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि वह काबुल के ब्रेशना विभाग में "बुनियादी काम" करेंगे।
उल्लेखनीय है कि, DABS एक स्वतंत्र और स्वायत्त कंपनी है, जो इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान (IROA) के निगम और सीमित देयता कानून के तहत स्थापित की गई है। यह अफगानिस्तान सरकार के स्वामित्व वाली एक सीमित देयता कंपनी के रूप में काम करती है। यह विद्युत ऊर्जा उत्पादन, आयात, पारेषण और वितरण का संचालन और प्रबंधन करती है।
The irony of this - Top commander of Taliban which says punishment for homosexuality in Islam is death was caught in a homosexual relation with his bodyguard. https://t.co/WqvZebrt8D
— Jiten Gajaria (@jitengajaria) August 23, 2023
बहरहाल, मुल्ला अहमद अखुंद के वीडियो ने एक बार फिर उन चर्चाओं को हवा दे दी है, जिसमे अफगानिस्तान में 'बच्चा बाजी' के आरोप लगते हैं। आरोप हैं कि, तालिबानी अपनी चौकियों और शयनगृहों में "बच्चा बाजी" करते हैं। हालाँकि, इन आरोपों के बावजूद तालिबान अपने नेताओं और लड़ाकों को दंडित करने के बारे में चुप हैं। बता दें कि, बच्चा बाजी एक अपशब्द है, जिसका इस्तेमाल अफगानिस्तान, पाकिस्तान और तुर्किस्तान के इतिहास में एक कुप्रथा के लिए किया जाता है, जिसमें वृद्ध पुरुषों द्वारा बच्चों का यौन शोषण किया जाता है। यह प्रथा युवा किशोर पुरुषों या लड़कों, जिन्हें नाचने वाले लड़के भी कहा जाता है, की यौन दासता और बाल वेश्यावृत्ति से संबंधित है।
इससे पहले, एक रिकॉर्डिंग में अब्दुल्ला नाम के एक व्यक्ति को एक कमरे में कई अन्य तालिबान आतंकवादियों के साथ-साथ कई महिलाओं के साथ मौज-मस्ती करते हुए दिखाया गया था। इसे पिछले साल तालिबान इंटेलिजेंस ने जारी किया था। घटना को कैद करने वाले व्यक्ति के अनुसार, कार्यक्रम में पुरुष और महिलाएं दोनों मौजूद थे और वाइन और बारबेक्यू बार स्थापित किया गया था। आरोपी, जिसकी पहचान बाद में आलम गुल हक्कानी के भाई के रूप में हुई थी, पर तब आरोप लगाया गया था कि 'वह यहां आता था, पासपोर्ट उपलब्ध कराता था और आठ सौ डॉलर लेता था।'
समलैंगिकता पर क्या है तालिबान का रुख :-
बता दें कि, ह्यूमन राइट्स वॉच और आउट राइट एक्शन इंटरनेशनल ने देखा कि तालिबान के तहत, लेस्बियन, समलैंगिक, उभयलिंगी और ट्रांसजेंडर (LGBT) अफगानों और जो लोग देश में सख्त लिंग मानकों का पालन नहीं करते हैं, उन्हें भयावह स्थिति और उनकी सुरक्षा और जीवन के लिए गंभीर खतरों का सामना करना पड़ा है। 'भले ही आप आसमान में जाएं, हम आपको ढूंढ लेंगे: तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान में LGBT लोग' शीर्षक वाली यह रिपोर्ट जनवरी 2022 में प्रकाशित हुई थी। 43 पेज के इस दस्तावेज़ में वहां के 60 LGBT व्यक्तियों के साथ लिए गए साक्षात्कारों को शामिल किया गया था।
I don't know why it's a news. Majority of Taliban have homosexual relationships from their teenage. Abuse of boys is common in Afghan society.
— Khalnayagan (@KhalNayagan) August 22, 2023
Baccha baazi is a common.
It's a rotten society.
Madrassas have boys who are abused as young as 9.
Boys without beard is what they like
इन साक्षात्कारों में कई LGBT लोगों ने तालिबान सदस्यों द्वारा उनकी लैंगिक पहचान या यौन रुझान के कारण उन्हें धमकाए जाने या निशाना बनाए जाने की परेशान करने वाली कहानियां बयां की थी। कुछ लोगों ने उन रिश्तेदारों, पड़ोसियों या प्रेम साझेदारों द्वारा दुर्व्यवहार की कहानियाँ भी साझा कीं, जो अब तालिबान का समर्थन करते हैं या मानते हैं कि उनके समुदाय में LGBT लोगों के खिलाफ प्रतिशोध उनकी अपनी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
परिणामस्वरूप उन्हें तालिबान सदस्यों या उनके सहयोगियों द्वारा हमले से बचने के लिए अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। दूसरों ने इस बारे में बताया कि वर्षों में कड़ी मेहनत से स्थापित किए गए जीवन को खोना कितना विनाशकारी था, जिससे उन्हें अपने यौन रुझान या लिंग पहचान के कारण किसी भी समय संभावित उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता था। बता दें कि, 15 अगस्त 2021 को तालिबान द्वारा देश पर पूर्ण नियंत्रण करने से पहले ही LGBT लोग अफगानिस्तान में गंभीर खतरे में थे। 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी के नेतृत्व में एक कानून पारित किया गया था, जिसमें विशेष रूप से समलैंगिक संबंधों को अपराध घोषित किया गया था। वहीं, तालिबानी तो समलैंगिकता और व्यभिचार के अपराधियों को पत्थर से मार-मारकर मौत के घाट उतारने के लिए जाना जाता है, लेकिन अपने नेता मुल्ला अहमद अखुंद के बारे में वो कुछ नहीं बोल रहा है ।
ईशनिंदा का आरोप लगाओ और किसी को भी मार डालो, पाकिस्तान में खेल बन गई है अल्पसंख्यकों की हत्या !