शिमला: देश के राज्य हिमाचल में बीपीएल के सिलेक्शन की धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार अब पंचायतों में होने वाली ग्रामसभाओं की वीडियोग्राफी कराएगी. डेवलपमेंट ब्लॉक ऑफिसर इस पर ऑनलाइन निगरानी रखेंगे. फेक गरीब अधिकारियो के खुलासे के पश्चात् हाहाकार मचा हुआ है. पंचायती राज डिपार्टमेंट ने पारदर्शिता लाने के लिए इंतजाम में परिवर्तन कर रही है. वहीं संपन्न लोग तथा फेक गरीब अधिकारी दफ्तर में कॉल कर अपने बीपीएल राशनकार्ड सरेंडर करने की प्रक्रिया पूछ रहे हैं.
डिपार्टमेंट ने साफ़ किया है कि यह सब पूर्व में देखना चाहिए था, अब तो कानूनी कार्रवाई होगी. पंचायतीराज मिनिस्टर वीरेंद्र सिंह कंवर ने बताया कि बीपीएल केटेगरी में आने के लिए इन संपन्न व्यक्तियों ने गरीब होने के शपथ पत्र दिए हैं. अब कार्यवाही से बच नहीं सकते. पंचायतीराज मिनिस्टर ने कहा कि जितने आरोपी फेक गरीब अधिकारी हैं, उतने ही पंचायत सेक्रेटरी तथा प्रधान भी है. इनकी मिली भगत के बिना यह धोखाधड़ी नहीं हो सकती है. गरीबों का अधिकार छीनने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा.
वही इन फेक गरीब अधिकारीयों को बीडीओ दफ्तर की तरफ से नोटिस जारी किए जा रहे हैं. बीडीओ को ही केस दायर करवाने को कहा है. बीडीओ को आदेश दिए हैं कि वे संबंधित विभागाध्यक्षों को लेटर लिखें, तथा पता करें कि इन लोगों ने बीपीएल कोटे की आड़ में गवर्मेंट जॉब तो नहीं हड़पी है. रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के संयुक्त निर्देशक अनिल शर्मा ने बताया कि सरकार की तरफ से इन फेक बीपीएल अधिकारीयों के विरुद्ध एफआईआर दायर कर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश हुए हैं. साथ ही अब पुरे मामले की जांच की जाएगी.
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