नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बनते जा रहे है. वहीं हाल ही में विभिन्न सर्वे में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच ही बताया जा रहा है, लेकिन कांग्रेस की सक्रियता कुछ और ही बयां करती नजर आती है. जांच इस बात पर गौर फ़रमाया गया है कि आखिर कैसा रहेगा इस बार चुनावी रण, क्या कुछ बनेंगे समीकरण, क्या हो सकते हैं परिणाम, आदि सवालों को लेकर संजीव गुप्ता ने प्रदेश कांग्रेस की चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली से बातचीत की.
दिल्ली में इस समय सियासी समीकरण क्या चल रहे हैं? आप इस पर क्या कहेंगे?: सूत्रों से मिली जानकारीं के अनुसार इस बात का पता चला है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होगा. कांग्रेस का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. जंहा दिल्ली वासी कांग्रेस के 15 साल लंबे शासनकाल में हुए विकास को लगातार याद कर रहे हैं. भाजपा और आप ने दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया. वहीं यह कहा जा रहा है कि भाजपा ने जहां सीलिंग से व्यापारियों की कमर तोड़ दी, वहीं एनआरसी और सीएए से लोगों को आपस में बांट दिया. दूसरी तरफ सीएम अरविंद केजरीवाल साढ़े 4 वर्ष तक यही रोना रोते रहे कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा. इसके बाद आखिर के छह माह में जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए सब कुछ करने लग गए.
तब क्या वजह है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एक एक करके आप का दामन थाम रहे हैं?: हम बताते चले कि वे खुद नहीं जा रहे बल्कि उन्हें प्रलोभन देकर ले जाया रहा है. हालांकि, यहां पर भी दो बातें हैं. वहीं इस पहली बात यह कि जो नेता आप की सदस्यता ले रहे हैं, ये वही हैं जिन्हें कांग्रेस ने टिकट देने से मना कर दिया था. जिसके साफ है कि आप के पास अपने 70 उम्मीदवार भी नहीं हैं. इसीलिए कांग्रेस के नेताओं को टिकट देने का लालच देकर अपने साथ जोड़ रही है.
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