नई दिल्ली: शराब कारोबारी विजय माल्या अपने 9,000 करोड़ रुपए के ऋण चूक मामले में एक-मुश्त निपटान को लेकर बैंकों के साथ बातचीत करने को तैयार हैं. यह जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी.
गौरतलब है कि माल्या ने ट्विटर पर कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की एक बारगी निपटान के लिए नीतियां हैं. सैकड़ों कर्जदारों ने अपने ऋण का निपटान किया है. आखिर हमें इस सुविधा से इंकार क्यों किया जाना चाहिए? हमने उच्चतम न्यायालय के समक्ष जो पेशकश की थी, उसे बैंकों ने बिना विचारे खारिज कर दिया.
मैं निष्पक्ष आधार पर मामले के निपटान के लिए बातचीत को तैयार हूं. माल्या ने उम्मीद जताई कि न्यायालय इसमें हस्तक्षेप करेगा और बैंकों तथा हमें मामले का निपटान करने के लिए बातचीत का निर्देश देगा , ताकि इन चीजों पर विराम लगे.
बता दें कि इस मामले में विजय माल्या सरकार से खफा नजर आ रहे हैं, तभी तो उन्होंने कहा कि मैंने अदालत के हर आदेश का पालन किया. लेकिन अब एेसा लगता है कि सरकार बिना निष्पक्ष सुनवाई के मुझे दोषी ठहराने पर तुली है. उन्होंने लिखा है कि उच्चतम न्यायालय में महान्यायवादी द्वारा मेरे खिलाफ आरोप सरकार का मेरे खिलाफ रूख को साबित करता है.
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