हिंदू धर्म में विजय एकादशी को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है। यह वह दिन है जिस दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। आप सभी को बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। ऐसे में इस महीने यह व्रत 27 फरवरी (Vijaya Ekadashi 2022 date) को है, तो आइए जानते हैं इस व्रत की कथा।
विजया एकादशी व्रत की पौराणिक कथा- जब रावण ने माता सीता का हरण कर लिया था। उस समय भगवान श्रीराम और उनके छोटे भाई लक्ष्मण काफी परेशान हो गए थे। उसी दौरान, उनकी मुलाकात हनुमान जी और सुग्रीव से हुई और वह वानर सेना की मदद से रावण की लंका पर चढ़ाई करने के लिए विशाल समुद्र के तट पर गए। हालांकि, समुद्र काफी विशाल था और इसमें रहने वाले खतरनाक जीव वानरों को नुकसान पहुंचा सकते थे। तब भगवान श्रीराम ने समुद्र से लंका पर चढ़ाई करने के लिए ऋषि-मुनियों से इसका उपाय पूछा।
ऋषि मुनियों ने भगवान श्रीराम को इस मुश्किल स्थिति से बाहर आने के लिए विजय एकादशी के व्रत के बारे में बताया। उन्होंने भगवान राम को विजय एकादशी का व्रत करने की सलाह दी और कहा कि यह व्रत सभी कार्यों में सफलता दिलाएगा। फिर भगवान श्री राम ने फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपनी वानर सेना के साथ विजया एकादशी का व्रत रखा, और इसी व्रत के फलस्वरूप समुद्र देवता ने भगवान को लंका जाने का मार्ग दे दिया। उसके बाद समुद्र को पार कर भगवान राम ने रावण को मारकर सीता माता को छुड़वाया और लंका पर विजय प्राप्त की।
विजया एकादशी पर रखे इन बातों का ध्यान
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