उज्जैन/ब्यूरो। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन शला के दीर्घा सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने सम्बोधित किया। उनके साथ कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक एवं कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा उपस्थित थे।
कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि विगत दो वर्षों में सभी सुधीजनों के सहयोग से विक्रम विश्वविद्यालय का व्यापक विकास हुआ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के साथ दो वर्षों में विक्रम विश्वविद्यालय ने कई बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इनमें प्रमुख हैं प्रवेश में व्यापक अभिवृद्धि, नए पाठ्यक्रमों की संख्या में वृद्धि, शिक्षा में नई तकनीक का उपयोग, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में स्टार्टअप्स, पेटेंट्स, शिक्षा और अनुसंधान में नवाचार आदि शामिल हैं।
विक्रम विश्वविद्यालय का पुरातत्व एवं उत्खनन विभाग देश के प्रमुख विभागों में से एक है, जिसे पद्मश्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर जी द्वारा पुरातात्विक उत्खननों के माध्यम से समृद्ध किया गया। इसमें 472 अतिप्राचीन दुर्लभ प्रतिमाएँ संग्रहीत हैं, संग्रहालय के उन्नयन का प्रयास विश्वविद्यालय द्वारा प्रारंभ किया गया है। माननीय उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव जी के अविस्मरणीय प्रयासों से विश्वविद्यालय प्रगति पथ पर अग्रसर है। उनके प्रयत्नों से विक्रम कीर्ति मन्दिर पुनः विश्वविद्यालय को प्राप्त हो गया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत लगभग 14 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से विश्वविद्यालय के पुरातत्व और पुरातन पांडुलिपि संग्रहालय को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अध्ययन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
सारागढ़ी युद्ध के 125 साल पूरे, जानिए इस दिन का इतिहास